सिर्फ आप !!!

Started by Ashok_rokade24, March 14, 2021, 01:47:56 PM

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Ashok_rokade24

वक्त गुजर गयाँ फिरभी न भूलें
आपको ,
न जाने कहाँ छुपे हो कैसे बुलाऊँ
आपको |

सितमतो जमानेने किये सजाँ मिली
हमको,
मुहँ फेर लियाँ ऐसे कि नही जानते
हमको |

पता है फीरभी ढुँडते है यहाँ वहाँ
आपको,
हरदम याँदोंमे अपनी बसाँयें हैं
आपको|

खुश थे ऐसे गमोंसे अनजाँन थे
हम तूम  ,
न जाने कैसे कब नजर बुरी लगी
आपको |

आवाँजे देते रहें हर जगह ढुँढा
आपको,
जमीपर न मिले तो सितारोंमें ढुँढा
आपको |

अबतो भूल चूँकें हम आना जाना
बागोंमें ,
क्यूकि हर कली फूलमें देखते है
आपको |

चलें गयें अपने साथ लेकर सारी
खुशियाँ,
हम बैठे है अँधेरो में याँद करते
आपको |

अशोक मु.रोकडे.
मुंबई.