जयभीम !!!

Started by Ashok_rokade24, April 14, 2021, 01:07:42 AM

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Ashok_rokade24

क्या जरूरत तीर की तलवार की ,
दि है ताकत भीमजीने कलम की॥

गुलाम बनाकर बरसो,
रखा वो लोग हमारे ही थे ,   
अँधेरोसे भरा था जिवन ,
बस यही भाग हमारे थे , 
कियाँ है ऊजाला भीमजीने ,
हमे राह दिखाँई जिनेकी ॥

क्या जरूरत तीर की तलवार की ,
दि है ताकत भीमजीने कलम की॥

शिक्षा की कोई गंध नही ,
अज्ञान में बरसो डूबे रहे ,
जो भी बतायाँ सच माना ,
हाथ जोडे बस खडे रहें ,
कियाँ है शिक्षित भीमजीने,
राह दिखाँई हैं उन्नती की ॥

क्या जरूरत तीर की तलवार की ,
दि हैं ताकत भीमजीने कलम की॥

बिखरे है हम यहाँ वहाँ ,
भक्ष जुल्मका बनते रहे ,
बदतर जीवन पशू का,
इन्सान होकर जीते रहे ,
एक रहो कहाँ भीमजीने,
जरूरत अब एकता की ॥

क्या जरूरत तीर की तलवार की ,
दि हैं ताकत भीमजीने कलम की॥

लिखकर संविधान ऐसा ,
हक समान सबको दिये ,
बुलंद दिवार जातीवाद कि,
अन्याय हरदम होते रहे , 
सहकर जुल्म भीमजीने ,
मशाँल जलाँयी संघर्ष की ॥   

क्या जरूरत तीर की तलवार की ,
दि हैं ताकत भीमजीने कलम की॥

घिरे रखा था कर्म काँड ने ,
धर्म की माला जपते रहें ,
कभी न अपनायाँ जीसने ,
हम ऊसीके साथ जीते रहे ,
उध्दार कियाँ हैं भीमजीने ,
दीक्षा देकर बुध्दधम्म की ॥

क्या जरूरत तीर की तलवार की ,
दि हैं ताकत भीमजीने कलम की॥
 
अशोक मु.रोकडे.
मुंबई. 14/04/2021.