👫"ती आणि पाऊस "👫

Started by Sandhya Gadge-Sinnarkar, May 20, 2021, 09:40:12 AM

Previous topic - Next topic

Sandhya Gadge-Sinnarkar

 💗👫💗"ती  आणि  पाऊस  "💗👫💗


पाहिलंच  प्रेम  - तुझं  नी  माझं
पहिलीच  भेट  - तुझी  नी  माझी
पहिलीच  नजरानजर  - तुझी नी  माझी
पहिल्यांदाच  हातात  हात  - तुझा  नी  माझा
अशा  ह्या  क्षणी  आलेला  पाऊस ....
ढगांचा  गडगडाट....
नी  विजांचा  कडकडाट ....
पावसाच्या  ह्या सरी....
अन  तुझ्या  त्या  गोड  आठवणी ....


पावसाच्या  ह्या  सरी
आहे  एक गोड  परी
पावसाची  रिमझिम  रानीवनी  ग ....
जाग्या  झाल्या  तुझ्या  गोड  आठवणी  ग ....


पहिल्यांदाच  पाहिले  मी तुला
हृदयी  फुलली  एक  नाजुक  कळी
विसरुनी  गेलो  मी  मला
उमलता  ती प्रेम  कळी
तुझ्या  त्या  नाजूक  आठवणींनी  ग....
जाग्या  झाल्या  मनी  चिंब  लहरी  ग ....


पावसाची  रिमझिम , वाऱ्याचा हा  गारवा
तुझं  ते  लाजणं  आणि  तो  गोडवा
फुलांचा  तो  दरवळणारा  गंध
तुझ्या  आठवणींनी  झालो  मी  धुंद
अशी  ही  धुंदी  ठेवुनी  मनी  ग ....
जाग्या  झाल्या  मनी  चिंब  लहरी  ग ....


पावसाच्या  गारा , तुझा  निरागस  चेहरा
तुझं  ते  चालणं  आणि  मधुर  बोलणं
पावसाने  ओलं   चिंब  झालं  सारं  रानं
गातो  तुझ्यासाठी  सखे  मी  गाणं
तुझ्या  भेटीसाठी  आतुरलेल   मन  ग ....
जाग्या  झाल्या  मनी  चिंब  लहरी  ग ....


पावसाच्या  त्या  धारांनी
जशी  होती  हिरवीगार  गवताची  पाती
सुंदर  ह्या  आयुष्याला  बहरायला
हवा  सखे  तुझाच  हात  हाती
बहारवायला  हे  आयुष्य  वाट  पाही  तुझी  मन  ग ....
जाग्या  झाल्या  मनी  चिंब  लहरी  ग ....

                    ......... संध्या  गडगे - सिन्नरकर