" बंद बंद आणि बंद "

Started by Atul Kaviraje, May 22, 2021, 12:50:04 PM

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Atul Kaviraje

   मित्रानो , देशाचे  हे  दारुण , विदारक , भयावह  चित्र  आपण  आताच  नाही  तर  फार  पूर्वीपासून  पाहात  आलोय . ही संहारक  परिस्थिती , म्हणजे  युद्ध , रोगांच्या  साथी , जातीय  दंगली , अशी  अनेक  उदाहरणे  देता  येतील ,
की ज्यामुळे  जे  संकट  चहुबाजूनी  कोसळते , ते  थोपविता  येत  नाही , ते  मानवी  शक्तीबाहेरचे  असते . त्यामुळे , हे  रोखण्यासाठी , आर्थिक  उलाढाली  पुन्हा  सुरळीत  सुरु  करण्यासाठी , मानवी  जीवन  सुव्यवस्थित  होण्यासाठी , सरकारला  काही  कठोर  पाऊले  उचलावी  लागतात , सर्वथा  टाळेबंदी  (लाकडाऊन ) , पूर्ण  बंद  पुकारावा  लागतो . काही  दिवसांतच  वरील  प्रमाणे    परिस्थिती  निवळल्यावरच   केलेला  बंद  हा  उठवावा  लागतो . हे  बंद  चे  शस्त्र  कधी  कधी  कुचकामी  ठरते , तर  ते  कधी  कधी  उपयुक्तही  ठरते .

     परंतु, मित्रानो  बंद  हे  सर्वस्वी  हत्यार  आहे  का ?
कारण  कितीतरी  प्रसंगी  हा  बंद  जाहीर  केल्याची , व  बंद  माघारी   घेतल्याची   बरीचशी  उदाहरणे  आपण  सर्वानी  यापूर्वीच  पाहिलेली  आहेत .परंतु परिस्थिती जैसे थे अशीच राहिली, ती काही बदलली नाही, तेव्हा  आजच्या  कोरोनाच्या  सद्य  आणीबाणीच्या  परिस्थितीत  हा  सरकारने   पुकारलेला  बंद  कितपत  यशस्वी  होतो , हे  काळच  ठरवेल . असो .


-----श्री अतुल एस परब
-----शनिवार-22.05.2021.