हक्क शेतकऱ्यांचा-चारोळ्या - "शेतकऱ्यांचे सर्वव्यापी आंदोलन"- भाग-१

Started by Atul Kaviraje, June 24, 2021, 01:44:56 AM

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Atul Kaviraje

                   हक्क शेतकऱ्यांचा-चारोळ्या
            "शेतकऱ्यांचे सर्वव्यापी आंदोलन" - भाग-१
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1)  पाहिली  नव्हती  साखळी  आजवर
      एकसंध , एकजूट , एकत्रित  गुंफलेली
      न भूतो  न  भविष्यती  असे  आंदोलन,
      प्रथमच  बंडखोर  असे  अनुभवलेले .


2)   जाणीव  बळीराजास  आपुल्या  अधिकारांची
      प्रकर्षाने , प्रदीर्घ  काळाने  झालीय
      आता  नाही  घेणार  माघार,
      क्रान्तीची  पाऊले   त्याने  उचललीय .


3)   निर्भय  बनुनी , लढण्याच्या  आवेशात
      शेतकरी  आजचा  आक्रमक  होतोय
      आजवर  अनेक  सहल्या  जुलूम -रात्री,
      स्वातंत्र्य -सूर्य  पाहण्यास  अतिक्रमण करतोय .


4)   काळा -आड  गेला  भेकड  शेतकरी
      नवोन्मुख , नवी  उमेद  घेऊन  जन्मतोय
      ताठ  कणा , कठोर  बाणा  बाळगून,
      अन्यायास  पुरते  ठेचून  काढतोय .


5)   आता  आणिक  नाहीत  आत्महत्त्या
      शेतकरी  आजचा  उठलाय  पेटून
      मागण्या  मान्य  करा  अन्यथा,
      म्हणतोय , सारे  जग  देईन  पेटवून .


-----श्री अतुल एस परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-24.06.2021-गुरुवार.