इंटर -नेट वास्तव चारोळ्या - "एक तास बंद पडलेले गूगल "-भाग-१

Started by Atul Kaviraje, June 30, 2021, 02:20:56 AM

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Atul Kaviraje

               इंटर -नेट  वास्तव  चारोळ्या
        "एक  तास  बंद  पडलेले  गूगल "-भाग-१
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   1) गणक -यंत्राकडे टक लावून होतो
      खाण्या -पिण्याचा  विसर  पडला  होता
      बंद  पडलेल्या  गुगलचा  एक  तास,
      मला  एक -वर्षा  समान  भासत  होता .

2)   माझ्या  गणेश -देव  गणक -यंत्रासमोर बसून     
      उंदरास (माउस) कुरवाळीत करुणा भाकीत होतो
      आरतीच्या  साऱ्या  सरंजाम्या सहीत,
      गूगल -महाराज  प्रसन्न  होण्याच्या प्रतीक्षेत  होतो .

3)   इंटर -नेटच्या  क्षेत्रात  करून  क्रान्ति
      गुगलने  पुढचेही  पाऊल  उचललंय
      आजतोवर  ज्यावर  माझी  सारी  मदार,
      तेच  आज  माझ्यावर  रुसलंय .

4)   गूगल -शिवाय  माझे  हलत  नाही  पान       
      गणक -यंत्राच्या  पडद्यावर  आहे  सारे ध्यान
      परी  एक -तास  रिकाम्या  पडद्याकडे  पाहून,
      गळाले  माझे  सारे  अवसान .

5)   भारत -बंद  जरी  परवडला  मला
      गूगल  -बंद  अजिबात  परवडत  नाही
      ज्याने  माझे  भूत -वर्तमान -भविष्य घडवलंय,   
      त्याच्या  बंद  प्रक्षेपणाकडे  पाहावत नाही .

-----श्री अतुल एस परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-30.06.2021-बुधवार.