शोर ना कर

Started by शिवाजी सांगळे, July 04, 2021, 12:12:30 AM

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शिवाजी सांगळे

शोर ना कर

रात तू हमसे बात तो कर, यूँ शोर ना कर
जग रहा हूँ उनकी यादोँ में यूँ जोर ना कर

चाँद अकेला जान लो संग सितारे कितने
जलने दो उन्हें फुर्सत में तू अघोर ना कर

पता हैं बात सबको जल्दी मे हैं वक्त यहां
रूकना कुछ देर खुदको तू कठोर ना कर

जाग सकता हूँ अभी, बुलंद हैं हौसले मेरे
डराकर बेवजह उनको तू कमजोर ना कर

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
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