इतर चारोळया - भाग- ७

Started by Atul Kaviraje, July 09, 2021, 01:58:26 AM

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Atul Kaviraje

                     इतर चारोळया - भाग- ७
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    1) जीवनात ही घडी
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ही  घडी  अशीच  राहू  दे
डोळे  भरून  तुला  पाहू  दे ,
मंडे ,ट्यूसडे टू सॅटर्डे, 
संडे  कधीच  नको  येऊ  दे .

      2) फुगे  घ्या  फुगे
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हाक  आता  ऐकू  येत  नाही
फुगे  घ्या  फुगे , फुगेवाल्याची ,
मुले  विसरत  चाललीत  वंडर-युगात,
हे  उडणारे  रंगी-बेरंगी  गोल-ची.

    3) नाक  मुरडणे
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बसक्या ,अपऱ्या ,खपट्या ,चपट्या
नाकांनी  मुरडायला  सुरुवात  केली ,
तेव्हा  बिचारी  चाफेकळी  मात्र,
उमलून-उमलून  कोमेजून  गेलेली .

             4) तंबाखू
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स्मॉल-स्केल इंडस्ट्रीस-च्या अंतर्गत
तंबाखूचे खूप मळे पिकवितो
अन नव्या पिढीला धुरात गुरफटवून,
मी  नोटांचा  चिरूट  शिलगावतो .

   5) मी आणि माझी बायको
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लग्नात भटजींनी वदवून घेतले
वाद न घालता सुखी संसार करू
मुक्या-बायकोसमान सूनही बघतोय,
मुलगाही सु-पंथ लागलाय धरू .


-----श्री अतुल एस परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-09.07.2021-शुक्रवार.