बडबड गीत - "अग्गोबाई ढग्गोबाई"

Started by Atul Kaviraje, August 01, 2021, 11:03:32 PM

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Atul Kaviraje

मित्र/मैत्रिणींनो,

     बालगीते आणि बडबड गीते, या विषया अंतर्गत प्रस्तुत आहे माझे दुसरे  पुष्प. या गीताचे बोल आहेत- "अग्गोबाई ढग्गोबाई"


                                      बडबड गीत
                                       पुष्प दुसरे
                                  "अग्गोबाई ढग्गोबाई"
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अग्गोबाई ढग्गोबाई, अग्गोबाई ढग्गोबाई
अग्गोबाई ढग्गोबाई, अग्गोबाई ढग्गोबाई.

अग्गोबाई ढग्गोबाई लागली कळ
ढगाला उन्हाची केवढी झळ
अग्गोबाई ढग्गोबाई लागली कळ
ढगाला उन्हाची केवढी झळ
थोडी न् थोडकी लागली फार
थोडी न् थोडकी लागली फार
डोंगराच्या डोळ्याला पाण्याची धार.

अग्गोबाई ढग्गोबाई, अग्गोबाई ढग्गोबाई
अग्गोबाई ढग्गोबाई, अग्गोबाई ढग्गोबाई.

वारा-वारा, गरागरा, सो-सो-सूम्
ढोल्या-ढोल्या ढगात ढुम-ढुम-ढुम
वीजबाई अशी काही तोऱ्यामधे खडी
वीजबाई अशी काही तोऱ्यामधे खडी
आकाशाच्या पाठीवर चमचम छडी.

अग्गोबाई ढग्गोबाई, अग्गोबाई ढग्गोबाई
अग्गोबाई ढग्गोबाई, अग्गोबाई ढग्गोबाई.

अग्गोबाई ढग्गोबाईखोल-खोल जमिनीचे उघडून दार
बुडबुड बेडकाची बडबड फार
डुंबायला डबक्याचा करूया तलाव
डुंबायला डबक्याचा करूया तलाव
साबू-बिबु नको थोडा चिखल लगाव.

अग्गोबाई ढग्गोबाई, अग्गोबाई ढग्गोबाई
अग्गोबाई ढग्गोबाई, अग्गोबाई ढग्गोबाई.



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              गीत :      संदीप खरे
              संगीत :    सलील कुलकर्णी
              स्वर :      सलील कुलकर्णी , संदीप खरे
              अल्बम :   अग्गोबाई ढग्गोबाई
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-----संकलन
-----श्री अतुल एस परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.08.2021-रविवार.