सावन कविता - "देखो एक बार फिर से बारिश का मौसम आया"

Started by Atul Kaviraje, August 10, 2021, 03:00:28 PM

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Atul Kaviraje


मित्रो,

     हिंदी कविता के एक अनामिक कवी की कविता आपको सुनाता हू. यह कविता सावन (वर्षा ऋतू ) पर आधारित है. हिंदी कविता का मेरा यह "(पुष्प-2)" आपको सप्रमाण सादर करता हू. इस कविता के बोल है - "देखो एक बार फिर से बारिश का मौसम आया"


                                  हिंदी कविता-(पुष्प-2)
                                      सावन कविता
                      "देखो एक बार फिर से बारिश का मौसम आया"
                                     कवी -अनामिक
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देखो एक बार फिर से बारिश का मौसम आया-----
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देखो एक बार फिर से बारिश का मौसम आया,
अपने साथ सबके चेहरों पर मुस्कान है लाया|
देखो वर्षा में हवा कैसी चल रही मंद-मंद,
क्या बच्चे क्या बूढ़े सब लेते इसका आनंद||

देखो चारो ओर फैली यह अद्भुत हरियाली,
जिसकी मनमोहक छंटा है सबसे निराली|
जिसको देखो वह इस मौसम के गुण गाता,
बारिश का मौसम है ऐसा जो सबके मन को भाता||

मेरे मित्रों तुम भी बाहर निकलो लो वर्षा का आनंद,
देखो इस मनमोहक वर्षा को जो नही हो रही बंद|
छोटे बच्चे कागज की नाव बनाकर पानी में दौड़ाते है,
वर्षा ऋतु में ऐसे नजारे नित्य दिल को बहलाते है||

तो आओ हम सब संग मिलकर झूमे गाये,
इस मनभावी वर्षा ऋतु का आनंद उठाये|


                 कवी -अनामिक
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                (साभार एवं सौजन्य-हिंदीपोएम.ऑर्ग)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.08.2021-मंगळवार.