ठहरी जिंदगी !!

Started by Ashok_rokade24, August 15, 2021, 05:30:26 PM

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Ashok_rokade24

कुछँ दूर आकर जिंदगी ठहर सी
गयी है |
न कुछँ बात बनी बस इक ऊदाँसी
छायी है ||

गमोंको छुपाँकर हँसनेका बहाणा
कियाँ हैं |
ऊजाँले कि चाँहतमें यें रात अँधेरी
पाँयी है ||

इस रातके अँधेरे में साँयेने साथ
छोडा है | 
सब कुछँ लूट गयाँ पहचाँनभी खो
गयी है || 

गैर तो गैर हमें अपनोंने भी लूट
लियाँ है ||
मुडके जब देखाँ राँह भी नजरोंसे
खोयी है ||

देखुँ जिस ओर बस खामोशी छाई
हुयी है |
जहाँ रखू पग कब्र खुद की नजर
आयी है ||

अशोक मु. रोकडे.
मुंबई.