अपने , पराँयें ??

Started by Ashok_rokade24, August 15, 2021, 05:34:06 PM

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Ashok_rokade24

गैरोंको समझना फिरभी
आँसान हैं |
बडा मुश्कील हैअपनोंको
समझना ||

जब अपने परायाँ हमें
करते है|
बडाही मुश्कील हैअकेले
यहाँ जीना ||

कैसे जीये यहाँ फिक्र हमें
सताती है |
क्या पता कौन परायाँ कौन
है अपना ||

हर नजरमें मेरी अर्थी
दिखती है  |
मुश्कील है जहरी नजर
का सामना ||

ठोकरे लाख खाँ चूँके चाहताँ
हूँ जीना |
रहना जीना अब यही पर
है मरना ||

अशोक मु. रोकडे .
मुंबई.