सावन कविता - "बरस गया बादल का पानी"

Started by Atul Kaviraje, August 18, 2021, 12:31:06 AM

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Atul Kaviraje

मित्रो,

     हिंदी कविता के कवी श्री -डॉक्टर  अजय पाठक, की कविता आपको सुनाता  हू. यह कविता सावन (वर्षा ऋतू ) पर आधारित है. हिंदी कविता का मेरा यह (पुष्प-9) आपको सप्रणाम  सादर करता हू. इस कविता के बोल है - "बरस गया बादल का पानी"


                           हिंदी कविता-(पुष्प-9)
                                सावन कविता
                        "बरस गया बादल का पानी"
                        कवी -डॉक्टर अजय पाठक
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बरस गया बादल का पानी-----
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बरस गया बादल का पानी !

बिजली चमकी दूर गगन में
कंपन होते प्राण भवन में
तरल-तरल कर गई हृदय को,
निष्ठुर मौसम की मनमानी ।
बरस गया बादल का पानी !

धुली आस कोमल अंतर की
बही संपदा जीवन भर की
फिर भी लेती रहीं लहरियाँ,
हमसे निधियों की कुरबानी ।
बरस गया बादल का पानी !

धार-धार में तेज़ लहर है
लहरों में भी तेज़ भँवर है
सपनों का हो गया विसर्जन,
घेरे आशंका अनजानी ।
बरस गया बादल का पानी !


                  कवी-डॉक्टर अजय पाठक
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                 (साभार एवं सौजन्य-हिंदीपोएम.ऑर्ग)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.08.2021-बुधवार.