सावन कविता - " वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है "

Started by Atul Kaviraje, August 22, 2021, 01:35:54 AM

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Atul Kaviraje

मित्रो,

     हिंदी कविता के कवी श्री -नरेंद्र वर्मा, की कविता आपको सुनाता  हू. यह कविता सावन (वर्षा ऋतू ) पर आधारित है. हिंदी कविता का मेरा यह (पुष्प-12) आपको सप्रणाम  सादर करता हू. इस कविता के बोल है -  "वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है"


                               हिंदी कविता-(पुष्प-12)
                                     सावन कविता
                         " वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है "
                                   कवी -नरेंद्र वर्मा
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वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है-----
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वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है ।
तेरे न आने से हाहाकार मच जाता ।।

तेरे बिना जीवन संकट में पड़ जाता ।
चहु और त्राहि त्राहि मच जाती ।।

तेरे बिना सब नदी नाले और तालाब सुख जाते ।
सब प्राणियों का जीवन तुझ से है ।।

तेरे बिना जल, अन्न, जीवन असंभव है ।
वर्षा ऋतु तू सबसे सुहावनी और जीवनदायनी है ।।

तेरे आने से सुखा बीज भी अंकुरित हो उठता है ।
तेरे आने से बागानों के फुल खिल उठते है ।।

वर्षा तू जब आती है धरा की प्यास भूझ जाती है ।
धरती पुत्र के मुंह पर मुस्कान आ जाती है ।।

तेरे आने से जीवन की रेलगाड़ी दौड़ने लग जाती है ।
वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है ।।


                       कवी -नरेंद्र वर्मा
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                 (साभार एवं सौजन्य-हिंदीपोएम.ऑर्ग)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-22.08.2021-रविवार.