II रक्षा बंधन एवं नारली पूर्णिमाकी शुभेच्छाये II- (कविताये -क्रमांक-2)

Started by Atul Kaviraje, August 22, 2021, 01:05:41 PM

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Atul Kaviraje

                 II  रक्षा बंधन एवं नारली पूर्णिमाकी शुभेच्छाये II
                              (कविताये  -क्रमांक-2)
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मित्रो,

     आज श्रावण का रविवार है. और आज ही के दिन २२.०८.२०२१, के सु-अवसर पर, दो पर्व एक साथ अवतीर्ण हुए हे. वे है, रक्षा बंधन एवं नारली पूर्णिमा. तो दोस्तो, आज सुनेंगे, इस रक्षा बंधन के त्योहार पर कुछ हिंदी रचनाये. 


                              रक्षाबंधन (कविता -क्रमांक-१)
                              "रक्षाबंधन आई खुशियाँ लाई"
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रक्षाबंधन आई खुशियाँ लाई
बहना आज फूली ना समाई
रक्षाबंधन पर रोली मोली और मिठाई,
इन से थाली खूब सजाई !

बाँधे भाई की कलाई पे प्यार का धागा
भाई से लेती है यह वादा
राखी की लाज भाई मेरी निभाना,
बहना को कभी भूल ना जाना !

भाई अपनी बहन को देता वचन
दुःख उसके सब कर लेगा  हरण
भाई बहन को प्यारा है,
रक्षाबंधन का त्यौहार सबसे न्यारा है !



                            रक्षाबंधन (कविता -क्रमांक-2)
                               "राखी बांधो प्यारी बहना"
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प्रीत के धागो के बंधन में
स्नेह का उमड़ रहा संसार
सारे जग में सबसे सच्चा
होता भाई बहन का प्यार
नन्हे भैया का है कहना,
राखी बांधो प्यारी बहना..

सावन की मस्तीली फुहार
मधुरिम संगीत सुनती है
मेघों की ढोल ताप पर
वसुंधरा मुस्काती है
आया सावन का महीना,
राखी बांधो प्यारी बहना..

धरती ने चाँद मामा को
इंद्रधनुषी राखी पहनाई
बिजली चमकी खुशियों से
रिमझिम जी ने झड़ी लगाई
राजी ख़ुशी सदा तुम रहना,
राखी बाँधों प्यारी बहना..


                   (साभार एवं सौजन्य-आर के अलर्ट.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-22.08.2021-रविवार.