सावन कविता - "वर्षा आई बहार आयी"

Started by Atul Kaviraje, August 25, 2021, 01:28:05 AM

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Atul Kaviraje

मित्रो,

     हिंदी कविता के  कवी श्री - विष्णु, की कविता आपको सुनाता  हू. यह कविता सावन (वर्षा ऋतू ) पर आधारित है. हिंदी कविता का मेरा यह (पुष्प-15)आपको सप्रणाम सादर करता हू. इस कविता के बोल है - "वर्षा आई बहार आयी"


                                हिंदी कविता-(पुष्प-15)
                                      सावन कविता
                                "वर्षा आई बहार आयी"
                                      कवी -विष्णु
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वर्षा आई बहार आयी-----
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वर्षा आई बहार आयी,
प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।
पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।

वर्षा आई बहार आयी,
किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।
प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।

वर्षा आई बहार आयी,
मन आनंद से झूम उठा ।
वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।

वर्षा आई बहार आयी,
जीवन का सारा दुख दर्द ना जाने कहां गुम हो गया ।
वर्षा आई बहार आयी ।।


                 कवी -विष्णु
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                (साभार एवं सौजन्य-हिंदीपोएम.ऑर्ग)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-25.08.2021-बुधवार.