"अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस"-(विश्व साक्षरता दिवस) - लेख - क्रमांक-१

Started by Atul Kaviraje, September 08, 2021, 12:33:50 AM

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Atul Kaviraje

                              "अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस"
                                 (विश्व साक्षरता दिवस)
                                    लेख क्रमांक-१
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मित्रो,

     आज बुधवार, दिनांक-०८.०९.२०२१, का यह विशेष दिन, अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (विश्व साक्षरता दिवस) के रूप में मनाया जाता है. आईए, जानते  है इस दिन का महत्त्व एवं महत्त्वपूर्ण जानकारी और कुछ कविताये. 

                 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास-----

     यूनेस्को ने 7 नवंबर 1965 में ये फैसला किया कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर वर्ष 8 सितंबर को मनाया जायेगा जोकि पहली बार 1966 से मनाना शुरु हुआ। व्यक्ति, समाज और समुदाय के लिये साक्षरता के बड़े महत्व को ध्यान दिलाने के लिये पूरे विश्व भर में इसे मनाना शुरु किया गया

     हर साल 8 सितंबर का दिन "अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस" के रूप में सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। यूनेस्को ने 17 नवंबर 1965 को 8 सितंबर का दिन "अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस" के रूप में मनाने की घोषणा की थी। पहला "अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस" 8 सितंबर 1966 को मनाया गया था।

     पूरी दुनिया में साक्षरता बढ़ाने के लिए इसे मनाया जाता है। आज भी विश्व में अनेक लोग निरक्षर है। वैश्विक निगरानी रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 7750 लाख वयस्क अनपढ़ है। हर 5 में से 1 पुरुष निरक्षर है।

     2/3 महिलाये अनपढ़ है। पूरी दुनिया में बहुत से बच्चे आज भी स्कूल नही जा रहे है। या तो उनके पास स्कूल नही है या माँ- बाप बच्चो को स्कूल नही भेज रहे है। कई बच्चे छोटी उम्र से पैसा कमाने में लग जाते है। इस दिवस का लक्ष्य हर बच्चो को पढ़ने के लिए स्कूल भेजना है।

     अफ़्रीकी देशो में साक्षरता बहुत कम है। विश्व के 10 सबसे कम साक्षर देश अफ्रीका में आते है। बुर्कीना फासो, दक्षिण सूडान, चाड, नाइजर, गीनिया, बेनिन, सियरा लिओन, इथोपिया, मोजाम्बिक, सेनेगल दुनिया के 10 सबसे कम साक्षरता वाले देश है।

     मारगरेट एटवुड, पॉलो कोहेलहो, फिलीप डेलर्म, पॉल ऑस्टर, फिलीप क्लॉडेल, फैटेउ डियोम जैसे लेखकों ने विश्व में साक्षरता बढ़ाने के लिए अनेक लेख और किताबे लिखी है।

     अनेक कम्पनियां अपने मुनाफे से गरीब देशो में स्कूल, कॉलेज बनवा रही है। बच्चो की पढ़ाई के लिए कॉपी, किताबे और जरूरी चीजे दान कर रही है। दानी संस्थाये, रोटरी क्लब, ब्लड बैक, राष्ट्रीय साक्षरता संस्थान बच्चो को पढ़ाने में मदद कर रही है।

     एक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सभी का पढ़ा लिखा होना जरूरी है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2007 और 2008 की थीम थी "सभी के लिए शिक्षा"।

                 अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का लक्ष्य-----

     इस दिवस को मनाने का लक्ष्य विश्व में सभी लोगो को शिक्षित करना है। बच्चे, वयस्क, महिलाओं और बूढों को साक्षर बनाना ही इसका लक्ष्य है। उनको अपने अधिकारों के बारे में जानकारी हो, अपने कर्तव्य की समझ हो।

     जीवन जीने की सही कला पता हो, व्यस्क अपने बच्चों को पढ़ा सके, बच्चो को अच्छी शिक्षा और संस्कार दे सके। साक्षर होकर गरीबी को मिटा सके, बाल मृत्यु को कम कर सकें। अपराध और भ्रष्टाचार खत्म हो। पूरे विश्व में खुशहाली आये।

                              (साभार एवं सौजन्य-बिजय कुमार)
                                     (संदर्भ-१ हिंदी .कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-08.09.2021-बुधवार.