सावन कविता - " वर्षा आई बहार आयी "

Started by Atul Kaviraje, September 08, 2021, 12:55:14 AM

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Atul Kaviraje

मित्रो,

     हिंदी कविता के कवी श्री - विष्णु , की कविता आपको सुनाता  हू. यह कविता सावन (वर्षा ऋतू ) पर आधारित है. हिंदी कविता का मेरा यह (पुष्प-29) आपको सप्रणाम सादर करता हू. इस कविता के बोल है - " वर्षा आई बहार आयी "


                           हिंदी कविता-(पुष्प-29)
                                सावन कविता
                         " वर्षा आई बहार आयी "
                                कवी -विष्णु
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वर्षा आई बहार आयी-----
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वर्षा आई बहार आयी,
प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।
पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।

वर्षा आई बहार आयी,
किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।
प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।

वर्षा आई बहार आयी,
मन आनंद से झूम उठा ।
वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।

वर्षा आई बहार आयी,
जीवन का सारा दुख दर्द ना जाने कहां गुम हो गया ।
वर्षा आई बहार आयी ।।

                        कवी -विष्णु
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                 (साभार एवं सौजन्य-हिंदीपोएम.ऑर्ग)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-08.09.2021-बुधवार.