"हरतालिका तीज" - लेख - कविता - क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, September 09, 2021, 02:10:12 AM

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Atul Kaviraje

                                   "हरतालिका तीज"
                                     लेख क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज का दिन, याने ०९.०९.२०२१-गुरुवार, का दिन हरतालिका तिज का शुभ पर्व लेकर आया है. श्री गणेश चतुर्थी, का ये पूर्व दिन,  हरतालका तिज, को उतना  ही महत्त्व प्राप्त है.  आईए जानते  है, इस दिन का महत्त्व, महत्त्वपूर्ण लेख,व्रत विधी, पूजा विधी, कथा, कविता, एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी.


    हरतालिका तीज कल, जानिए तिथि, पूजा का समय, व्रत विधि और महत्व----

     हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बहुत महत्व है. माना जाता है कि कई विशेष त्योहारों पर व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. इसके अलावा, वैवाहिक जीवन की समस्याएं भी दूर हो जाती है. ऐसा ही एक त्योहार है हरियाली तीज. ये त्योहार सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार हरियाली तीज का त्योहार 9 सप्टेंबर  दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.

     9 सप्टेंबर को मनाई जाएगी हरियाली तीजइस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैइस दिन भूलकर भी न करें ये काम. हिंदू धर्म में व्रत और त्येहारों का बहुत महत्व है. माना जाता है कि कई विशेष त्योहारों पर व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. इसके अलावा, वैवाहिक जीवन की समस्याएं भी दूर हो जाती है. ऐसा ही एक त्योहार है हरियाली तीज. ज्योतिष के अनुसार, ये त्योहार सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी व्रत की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. इस बार हरियाली तीज का त्योहार 9 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.

                       हरियाली तीज का महत्व-----
                   
     शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने विधान है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. इसलिए, हरियाली तीज पर सुहागिनों स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरी श्रद्धा से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं. पूजा में श्रृंगार की वस्तुएं मां पार्वती को चढ़ाई जाती हैं. इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनकर सास या अपने से बड़ी महिलाओं का आशीर्वाद लेकर उन्हें उपहार भेंट करती हैं. इस तरह से इस व्रत का विधि-विधान पूर्ण माना जाता है. हरियाली तीज का पर्व हर साल श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं.

                              हरियाली तीज के नियम-----

     हरियाली तीज के व्रत को करने के दौरान कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है. आइए जानते हैं वो कौन से नियम हैं जिनका पालन व्रत के दौरान करना जरूरी होता है.
- हरियाली तीज का व्रत करते समय किसी पर भी क्रोध न करें.
- इस दौरान दूसरों के प्रति मन में नकारात्मक विचार न लाएं.
- व्रत के दौरान किसी का भी अपमान न करें.
- हरियाली तीज का व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है. इस दौरान लालच करने से बचें.
- व्रत के दौरान लड़ाई-झगड़े से दूर रहें.
- शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत में दूध का सेवन न करें.
- इस व्रत में जल पीने की मनाही होती है. इसलिए नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को निर्जला ही रखें.
- इस दौरान सोना नहीं चाहिए. इसके अलावा भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान और जाप कर सकते हैं.

                                 (संदर्भ-आजतक .इन)
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                                    हरियाली तीज
                                   कविता क्रमांक-2
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सावन का महीना ,बारिश की फुहार

सखियों का संग ,ठंडी ठंडी चले बयार

वो अमिया की डाली में पड़े झूले

वो लोकगीतों की नटखट मस्ती

घेवर की महक ,गुझियों का स्वाद

वो मेहँदी भरे हाथ ,वो सोलह श्रृंगार

हरी चूड़ियों की खन खन

पायलिया की छन छन ,उस पर

पीहर में बरसता बाबुल का प्यार

कुछ ऐसा था बरसो पहले

हमारा प्यारा तीज का त्यौहार

वक़्त ने ली ऐसी अंगराई

कैसी चली हाय पुरवाई

ये कहाँ आ गए हम

ना सखियों का संग

ना अमिया के झूले

इस आधुनिकता ने तो

सारे सुख हमसे छीने

माई तेरा आँगन बहुत याद आता है

बाबुल तेरा दुलार बहुत याद आता है

वो मायके की नटखट तीज याद आती है

सखियों का चिड़ाना ,हरियाली गाना

ज़िंदगी की दौड़ में छूट गया

बहुत कुछ पीछे ----

वो बरसात ,वो सावन

माँ तेरा आंचल

बहुत याद आता है!

                            (संदर्भ-स्टोरी मिरर .कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-09.09.2021-गुरुवार.