"हरतालिका तीज" - कविता क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, September 09, 2021, 02:16:23 AM

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Atul Kaviraje

                              "हरतालिका तीज"
                               कविता क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज का दिन, याने ०९.०९.२०२१-गुरुवार, का दिन हरतालिका तिज का शुभ पर्व लेकर आया है. श्री गणेश चतुर्थी, का ये पूर्व दिन,  हरतालका तिज, को उतना  ही महत्त्व प्राप्त है.  आईए जानते  है, इस दिन का महत्त्व, महत्त्वपूर्ण लेख,व्रत विधी, पूजा विधी, कथा, कविता, एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी.


हरियाला सावन छम-छम करता आया
सबके मन को इसने कितना हर्षाया
दादुर, झिंगुर, कोयल पपीहे टेर सुनाते
मोर ने पंख फैलाकर नृत्य दिखाया
रिमझिम नन्हीं मोती सी बूंदें लेकर
बिजुरी संग बादल नीलगगन में छाया
प्यासी धरती ने धानी चुनरिया ओढ़ी
सतरंगी इन्द्रधनुष आसमान में छाया
मेंहदी रचे हाथों में हरी चूड़ियां पहनें
सभी ने हरियाली तीज उत्सव मनाया।

                   (साभार एवं सौजन्य-चंचल वशिष्ट (रामाकृष्णा पुरम)
                   
                              (संदर्भ-अमर उजाला .कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-09.09.2021-गुरुवार.