II ऋषिपंचमी दिवस की हार्दिक शुभेच्छाये II- लेख क्रमांक-3

Started by Atul Kaviraje, September 11, 2021, 06:10:10 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                        II ऋषिपंचमी दिवस की हार्दिक शुभेच्छाये II
                                         लेख क्रमांक-3
                      ------------------------------------------

मित्रो,

     श्री गणेश चतुर्थी का द्वितीय दिन ऋषिपंचमी के नाम से जाना  जाता है. आईए सुनते  है, ऋषिपंचमी दिवस का महत्त्व, महत्त्वपूर्ण  जानकारी , व्रत, पूजा विधी, कथा, एवं अन्य जानकारी.

                           ऋषि पंचमी व्रत कथा-----

     विदर्भ देश में उत्तंक नामक एक सदाचारी ब्राह्मण देव रहते थे। उनकी पत्नी बड़ी पतिव्रता थी, जिसका नाम सुशीला था। उन ब्राह्मण के एक पुत्र तथा एक पुत्री दो संतान थी। विवाह योग्य होने पर उन्होने समान कुलशील वर के साथ कन्या का विवाह कर दिया। दैवयोग से कुछ दिनों बाद वह विधवा हो गई। दुखी ब्राह्मण दम्पति कन्या सहित गंगा तट पर कुटिया बनाकर रहने लगे।

     एक दिन ब्राह्मण कन्या सो रही थी कि उसका शरीर कीड़ों से भर गया। कन्या ने सारी बात मां से कही। मां ने पति से सब कहते हुए पूछा: प्राणनाथ! मेरी साध्वी कन्या की यह गति होने का क्या कारण है?

     उत्तंक जी ने समाधि द्वारा इस घटना का पता लगाकर बताया: पूर्व जन्म में भी यह कन्या ब्राह्मणी थी। इसने रजस्वला होते ही बर्तन छू दिए थे। इस जन्म में भी इसने लोगों की देखा-देखी भाद्रपद शुक्ल पंचमी अर्थात ऋषि पंचमी का व्रत नहीं किया। इसलिए इसके शरीर में कीड़े पड़े हैं।

     धर्म-शास्त्रों की मान्यता है कि रजस्वला स्त्री पहले दिन चाण्डालिनी, दूसरे दिन ब्रह्मघातिनी तथा तीसरे दिन धोबिन के समान अपवित्र होती है। वह चौथे दिन स्नान करके शुद्ध होती है। यदि यह शुद्ध मन से अब भी ऋषि पंचमी का व्रत करें तो इसके सारे दुख दूर हो जाएंगे और अगले जन्म में अटल सौभाग्य प्राप्त करेगी।

    पिता की आज्ञा से पुत्री ने विधिपूर्वक ऋषि पंचमी का व्रत एवं पूजन किया। व्रत के प्रभाव से वह सारे दुखों से मुक्त हो गई। अगले जन्म में उसे अटल सौभाग्य सहित अक्षय सुखों का भोग मिला।


                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-भक्तिभारत .कॉम)
                    -------------------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.09.2021-शनिवार.