II गणपती बाप्पा मोरया II - कविता क्रमांक- 3

Started by Atul Kaviraje, September 12, 2021, 05:38:12 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                  II गणपती बाप्पा मोरया II
                                        कविता क्रमांक- 3
                                 --------------------------

मित्रो, 

     इस माह याने सीतंबर के दिनांक-१०.०९.२०२१-शुक्रवार रोज गणेशजी हमारे यहा पधार रहे है. बहोत ही जोर शोर उनके आगमन कि हम तैयारी कर रहे है. श्री गणेश जी का हमें बेसब्रीसे इंतजार है. मराठी कविता के सभी हिंदी भाई बहन कवी एवं कवयित्री को इस शुभ अवसर कि बहोत सारी शुभ कामनाये. आईए पढते है, गणेश जी कि कविताये, आरती, प्रार्थना,भजन इत्यादी 


                                       गणेश चतुर्थी पर कविता
                                      -----------------------

गणपति जी हैं सबके प्यारे,
शिव गौरा के राजदुलारे,
भोली और प्यारी सी सूरत,
सवारी बने हैं उनकी, मूषक
मोदक उनको बहुत हैं भाते,
बड़े प्यार और चाव से खाते,
देवों में वह देव हमारे,
सबसे पहले उनकी पूजा करते हैं सारे,
रिद्धि सिद्धि के हैं दाता,
हम सबके वह भाग्यविधाता,
जो उनकी पूजा है करते,
गणपति उनके विघ्न है हरते,
गणेश चतुर्तिथि जब भी आये,
बड़े प्यार से सब हैं मनायें,
जिनके घर गणेशा जाते,
मंगल ही मंगल सब होता,
दुःख संताप मिटते हैं सारे।


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-12.09.2021-रविवार.