"विश्व हृदय दिवस"-भाषण क्रमांक-1

Started by Atul Kaviraje, September 29, 2021, 01:40:28 AM

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Atul Kaviraje

                                       "विश्व हृदय दिवस"
                                         भाषण क्रमांक-1
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मित्रो,

     आज दिनांक-२९ .०९.२०२१-बुधवार है. आज "विश्व हृदय दिवस" है. आईए जानते  है, इस दिवस का महत्त्व, लेख, निबंध,भाषण,मेसेजेस,कोट्स  एवं अन्य जानकारी.   
 
                      विश्व हृदय दिवस भाषण----

     विश्व हृदय दिवस वार्षिक तौर पर 29 सितंबर को मनाया जाने वाला आयोजन है| इसका उद्देश्य जनसाधारण में हृदय से संबंधित होने वाले रोगों, उनके परिणाम व उनके रोकथाम के लिए जागरूक बनाना है| विश्व में हृदय रोग से होने वाली मृत्यु की दर सबसे अधिक है|

      इस आयोजन की पहल विश्व हृदय संघ के निदेशक ने 1999 में आंटोनी बेस दे लुना ने डब्ल्यूएचओ (WHO) के साथ मिल कर की थी| इसकी स्थापना लोगो को इसकी जानकारी देने के लिए की गयी थी किस प्रकार वह एक स्वस्थ हृदय का वातावरण बना सकते हैं, और किस प्रकार एक स्वस्थ जीवन शैली अपना कर हृदय से संबंधित रोगों पर रोक लगा सकते है|

                          कोरोनरी धमनी रोग:-----

     हृदय के रोगो में होने वाला यह एक सबसे सामान्य प्रकार का रोग है, जिसका कारण कोलोस्टराल द्वारा उन धमनियों पर एक दीवार जैसी संरचना को बना देना है जो की रक्त को हृदय तक पहुचाने का कार्य करती हैं| जिसके परिणामस्वरूप हृदय घात, हृदय पीड़ा, हृदय गति का रुक जाना, तथा अनियमित हृदय गति हो सकती है|

     पड़ने वाले घाट को ब्रेन अटैक या मस्तिष्क का काम ना करना से जाना जाता है| यह तब होता है जब मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को जाने वाली धमनी का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, या मस्तिष्क में या उसके आस पास की धमनी फट जाती है जिसके परिणाम स्वरूप मस्तिष्क कार्य करना बंद कर देता है या मृत्यु तक हो जाती है|

                        रोकथाम:-----

     इस तरह के अधिकांश रोग अपनी प्राथमिक अवस्था में ही ख़तम किए जा सकते है अगर उनकी पहचान कर ली जाए या वह स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत बता दिए जाएँ| ग़लत ख़ान पान, व्यायाम की कमी, धूम्रपान या मादक द्रव्यों का सेवन, अत्यधिक वजन, उच्च रक्त चाप , तथा मधुमेह इत्यादि इसके ख़तरे बन सकते हैं जिससे की हृदय से संबंधित होने वाली 80% मृत्यु का कारण है|

     अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हृदय दिवस पाए फैलाई जाने वाली जागरूकता इस परिप्रेक्ष्य में सहायक सिद्ध हुई है| इनका उद्देश्य जन साधारण में हृदय सम्बन्धी रोगो के चिन्ह व उनके रोकथाम के प्रयास बताना है| इनमें से कई चरण बहुत ही सरल व सर्वग्यात होने के बावजूद भी लोगों स्वरा अपनाए नहीं जाते|

                       जागरूकता का विस्तारण:-----

     अपने हृदय को बचाने के उपायों के चरण को जाने तथा उसे परिवार व मित्रों को भी बताए जिससे की उनके भी हृदय की रक्षा हो सके| स्वास्थ जाँच, सभा, इत्यादि को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों को इसके बारे में पोस्टर्स व पर्चों के माध्यम से बताएँ|

     हृदय दिवस अपने स्वस्थ के प्रति जागरूक होने के साथ ही धूम्रपान छोड़ने, अपने जीवन शैली में बदलाव लाने, व्यायाम की महत्ता पहचानने हेतु इन सभी बातों की शपथ लेने के लिए उपयुक्त दिन है|

    हृदय दिवस 2014 का उद्देश्य महिलाओं तथा बच्चों पर ध्यान देना है| हालाँकि विगत कुछ शोधों से यह पता चला है कि हृदय संबंधी रोग पुरुषों में सबसे ज़्यादा होते हैं किंतु महिलाओं को भी इस परिप्रेक्ष्य में नज़रअंदाज़ नही किया जा सकता| विश्व की कुल महिलाओं जिन्हें हृदय संबंधी रोग है उसका 15% भारतीय महिलाओं का आकड़ा है|

                    स्वास्थ्यवर्धक चीज़ों को बढ़ावा देना:-----

     विश्व स्वास्थ्य संगठन सभी को कम नमक के उपभोग पर बल देता है जो कि प्रत्यक्ष तौर पर हृदय सबंधी रोगो का कारण है| इसके अनूसार सही मात्रा में कम नमक व वसा वाला भोजन ही ग्रहण करने योग्य है|

     शरीर के तंदुरुस्ती को मापने वाला सूचक बीएमआई के नाम से जाना जाता है जो की व्यक्ति के कद व वजन पर निर्भर करता है| स्वस्थ वजन को बनाए रखने के लिए :
– बी एम आई का आकलन करवाते रहें|
– उच्च रक्त चाप तथा कोलेस्टराल की नियमित जाँच करवाएँ|
– लोगों को सीढ़ियों के प्रयोग के लिए बढ़ावा दें, तथा अपने दैनिक जीवन में पैदल चलने की आदत डालें|
– इस विश्व हृदय दिवस पर आइए एक स्वस्थ विश्व के निर्माण की शपथ लें|


                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी गाईड्स .इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.09.2021-बुधवार.