II राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती II-महात्मा गांधी कविता

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2021, 07:59:24 PM

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Atul Kaviraje

                             II राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती II
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मित्रो,

     आज  शनिवार का ०२.१०.२०२१-का शुभ दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती लेकर आया है. महात्मा गांधी जी को सभी प्यार से " बापू " कहकर भी पुकारते थे.

     यहाँ राष्ट्रपिता मोहन दास कर्मचंद गाँधी 5 बेहतरीन कवितायेँ प्रस्तुत है। जिनमें दो काव्य गीत है। – सत्य अहिंसा के दम से, बापू देख तेरा हिन्दुस्तान, लेकर गाँधी तेरा नाम, हे बापू मेरे, देख गाँधी की चाल, ये एक तरह से महात्मा गाँधी का यशोगान है। जो उनके योगदान का वर्णन करती है। विख्यात हिंदी के कवी "श्री लोकेश  इंदौर" जी कि ये बेहतरीन पांच रचनाये मैं आपके सामने रखता हू.


                                    महात्मा गांधी कविता
                                     (कविता क्रमांक-१)
                                  "सत्य अहिंसा के दम से"
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अहिंसा की लाठी थाम
आजादी की रख माँग।
बापू तुने अंग्रेजों की
जड़ें यूँ हिलायी थी।

वक्त था बड़ा गंभीर
ना पकड़ी तूने शमशीर।
तेरी इक हुंकार पर
जनता दौड़ी आयी थी।

उस बापू को नमन मेरा
गाँधी यह चमन तेरा।
सीधी सीधी चाल चल
बड़ा कमाल कर दिया।।

टेढ़ी टेढ़ी चाल वाली
अंग्रेजी हुकूमत को।
सत्य अहिंसा के दम पर
बेहाल कर दिया।।

गोरों की देखी करतूत
भारत के सच्चे सपूत।
अंग्रेजों के ध्वज की
होली यूँ जलायी थी।

रख शक्तिशाली निर्भय मन
बोला दुबला पतला मोहन।
'अंग्रेजों भारत छोड़ो'
लगी तोपें कंपकपायी थी।

राष्ट्रपिता तुझे प्रणाम
हिन्दुस्तां की तु पहचान।
तुने अपने कर्मों से
सबको निहाल कर दिया।

टेढ़ी-टेढ़ी चाल वाली
अंग्रेजी हुकूमत को।
सत्य अहिंसा के दम से
बेहाल कर दिया।।


              कवी "श्री लोकेश इंदौर"
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                                       महात्मा गांधी कविता
                                        (कविता क्रमांक-2)
                                    "बापू देख तेरा हिन्दुस्तान"
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     प्रस्तुत कविता राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की अहिंसा और सत्य की शक्ति का यशोगान है। यह कविता एक प्रकार से किसी भी मंच पर सुर ले के साथ सुनाई जा सकती है। सुनाने की लय व धुन के लिए आप यूट्यूब पर इसका वीडियो देख सकते हैं। हाँ आप इस कविता के गान के दौरान कवि का उल्लेख अवश्य करें। यह किसी भी रचनाकार की साहित्य रचना का सुनाने का तरीका भी है। क्योंकि कोई भी रचना किसी ना किसी का कॉपीराइट होती है। उस पर उसका अधिकार होता है। अतः यह बात विशेष रूप से ध्यान रखें।

बापू देख तेरा हिन्दुस्तान
याद रखे तेरी पहचान
नोटों में है तेरी फोटो
वोटो में है तेरा नाम.

बच्चे जपते सुबह शाम
नेता भी निकाले काम
सारा देश करे प्रणाम
छिपा तुझ में हिन्दुस्तान.

आजादी तूने दिलाई
अंग्रेजों को धुल चटाई
ना बम फोड़ा बन्दूक चलाई
अंग्रेजी हुकूमत की हुई विदाई.

तु भारत की गौरव गाथा
तु भारत का है अभिमान
बन भारत का भाग्य विधाता
बना स्वतंत्रता की तु पहचान.

                     कवी "श्री लोकेश इंदौर"
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                        (साभार एवं सौजन्य-मस्करी .कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-02.10.2021-शनिवार.