"जागतिक अधिवास दिन"-लेख

Started by Atul Kaviraje, October 03, 2021, 05:15:25 PM

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Atul Kaviraje

                                  "जागतिक अधिवास दिन"
                                            लेख
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मित्रो,

     आज दिनांक-०३.१०.२०२१-रविवार है. यह दिन "जागतिक अधिवास दिन" या "विश्व पर्यावास दिवस" के नामसे भी मशहूर है. आईए जानते है, इस दिन की संकल्पना एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी.

     World Habitat Day-ताकि सबके लिए घर का सपना हो सके साकार
विश्व पर्यावास दिवस का उद्देश्य सबके लिए घर उपलब्ध कराना।

    विश्व पर्यावास दिवस का उद्देश्य सबके लिए घर उपलब्ध कराना भर नहीं है बल्कि एक बेहतर सामाजिक व्यवस्था की स्थापना भी है। एक ऐसी बस्ती की स्थापना करना है जो सभी सुविधाओं से सुसज्जित तो हो ही साथ में भयमुक्त भी हो। धूप में जलते हुए या बारिश में भीगते हुए या दिन भर के थके-मांदे इंसान को सिर्फ आश्रय के रूप में घर ही नजर आता है। पक्षी और जानवर भी दिन भर खाने-पानी की तलाश के बाद अपने ठौर की ओर ही जाते हैं। घर किसी भी जीव के लिए वह उत्तम स्थान है, जो उसे सुरक्षित होने का अहसास दिलाता है। व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएं रोटी, कपड़ा और मकान ही हैं। घर हर इंसान का सपना होता है। सबकी चाहत होती है कि उसके सपनों का घर भले छोटा, पर अपना होना चाहिए।

     हर साल अक्टूबर के प्रथम सोमवार को हम वर्ल्ड हैबिटेट डे यानी विश्व पर्यावास दिवस मनाते हैं। विश्व पर्यावास दिवस को हमारे मूल अधिकारों जैसे कि आश्रय, भोजन और कपड़ों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

     विश्व पर्यावास दिवस सर्वप्रथम 1985 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक संकल्प के माध्यम से घोषित किया गया था। इस दिन संयुक्त राष्ट्र बेहतर आवासीय व्यवस्था से जुड़ी घटनाओं, गतिविधियों, विकास की योजनाओं और इसे प्राप्त करने के समाधान के बारे में चर्चा करता है। हर साल इसे अलग थीम पर मनाया जाता है, जो बेघरों के लिए आश्रय, सुरक्षित शहर, स्लम क्षेत्रों का विकास, शहरी शासन में महिलाओं का योगदान जैसे विषयों से जुड़ी होती है।

     इस साल की थीम है 'सभी के लिए आवास : एक बेहतर शहरी जीवन!'हमारे देश में इंदिरा आवास, राजीव गांधी आवास जैसी कई योजनाएं अतीत में चलती रही हैं, जो जरूरतमंदों को मकान उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी, जिसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक देश के सभी नागरिकों के लिए पक्का घर मुहैया कराना है। इस योजना के तहत निम्न आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग के लोग कम ब्याज दर पर कर्ज लेकर घर का सपना पूरा कर सकते हैं। इस योजना का सबसे सार्थक पहलू है घर का स्त्री के नाम पर होना। यह नारी सशक्तीकरण की नींव को तो मजबूत करता ही है, साथ में जिन घरों में नारी को उचित स्थान नहीं मिलता, वहां उनकी स्थिति को भी बेहतर करता है। अब तक लाखों अभ्यर्थी इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।

     विश्व पर्यावास दिवस का उद्देश्य सबके लिए घर उपलब्ध कराना भर नहीं है, बल्कि एक बेहतर सामाजिक व्यवस्था की स्थापना भी है। एक ऐसी बस्ती की स्थापना करना है, जो सभी सुविधाओं से सुसज्जित तो हो ही, साथ में भयमुक्त भी हो। हरियाली, जल निकासी की समुचित व्यवस्था और योजनाबद्ध तरीकों से शहरों को बसाना आज की जरूरत है, वरना कंक्रीट के बेतरतीब फैलते जंगल में कचरे के उचित निष्पादन के बिना हम अपना वर्तमान और भविष्य संकट में ही डाल रहे हैं।

--लेखक-संजय  पोखरियाल
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-जागरण.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.10.2021-रविवार.