"शिक्षक दिन"-कविता क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, October 05, 2021, 12:28:49 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                         "शिक्षक दिन"
                                       कविता क्रमांक-2
                                     ------------------

मित्रो,

     आज दिनांक-०५ .१०.२०२१-मंगलवार है. यह दिन "शिक्षक दिन" के नामसे भी मशहूर है. आईए पढते है शिक्षक के गुणगानपर कुछ कविताये, रचनाये--   


             आओ हम करे गुरु वंदना---

गुरुवर आपके चरणों में, हम सादर शीश झुकाते है
दिया ज्ञान हमको नवजीवन का, चलना दुनिया में हमे सिखाते है

देते हमें शिक्षा ज्ञान, जीवन हमारा संवारते हो
लड़ना जीवन संघर्षो से, जीना हमको सिखाते हो

हुई कही भी जरा चुक तो, सच्चा राहे बतलाते है
देखकर शिष्यों की सफलता , मन ही मन मुस्काते है

अपना कर संतोष, सहनशीलता, सचा मार्ग दिखाया है
भगवान भी करे गुणगान आपके, जो गुरु को बड़ा बतलाया है

कैसे कर पाए हम आपके सदगुणों के बखान
महीमा आपकी बहुत बड़ी है, है आप गुणों की खान

है वन्दनीय गुरु हमारे, है गुरु महिमा के घनेरे संदेश
करे जीवन में गुरु वंदना सभी, अर्ज करे है आपसे सुरेश


--कवी सुरेश कुमार भार्गव (सेवानिवृत व्याख्याता)
                        [राजस्थान]
   -----------------------------------------

                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-आर के अलर्ट.इन)
                   ------------------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-05.10.2021-मंगळवार.