"नवरात्रि" - कविता क्रमांक-१

Started by Atul Kaviraje, October 07, 2021, 01:45:43 AM

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Atul Kaviraje

                                            "नवरात्रि"
                                         कविता क्रमांक-१         
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मित्रो,

     आज दिनांक-०७.१०.२०२१-गुरुवार के पावन पर्व पर माँ का आगमन हो रहा है. आईए नवरात्री के इस शुभ दिन पर देवी माँ का स्वागत करें. मराठी कविता के मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयो को इस नवरात्री के दिन की बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. आईए सूनते है, देवी की स्तुती पर कुछ कविताये ,रचनाये .

     नवरात्रि 9 दिनों के उत्सव का त्यौहार है। यह उस वर्ष का शुभ समय है जब देवी दुर्गा की पूजा 9 दिनों के लिए की जाती है। भक्त देवी दुर्गा की सभी शक्तियों को श्रद्धा से आराधना अर्पित करते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं। इसके अलावा, नवरात्रि पृथ्वी पर देवी दुर्गा का स्वागत करने के लिए वर्ष का उत्साही समय है। इस प्रकार कई सांस्कृतिक कार्यक्रम नवरात्रि या दुर्गा पूजा के उत्सव का हिस्सा हैं।


घर-घर घटस्थापना देख,
मां अंबे हो रही हर्षित नौ दिन,
नव रूप लिए,
दुर्गा होती शोभित सजे गए मंदिर देवी के,
लगे नए पंडाल हवन, कीर्तन, रामायण,
सजे पूजा के थाल जिस घर ज्योति जले माता की,
रोशन हो गए जीवन अन्न,धन,
मां की कृपा से बरसे,
बरसे ममता का सावन
नव दुर्गा के दरस की खातिर,
कर रहे बड़े आयोजन
मनुज की ओछी सोच देख,
मां का भी अकुलाया मन
क्यूं स्वार्थ में हो कर अंधा तू,
कर रहा है घोर पाप बेटे की झूठी आस लिए,
क्यूं बेटी बनी अभिशाप नारी भी मेरा ही स्वरूप,
मूरत की करते पूजा उसकी गर तुम करो कदर,
घर स्वर्ग बने समूचा कन्या, कंजक, नारी, दुर्गा,
सहनशील धरा सी बोझ बढ़े धरती पर जो,
फट प्रलय दिखाए वो भी उसको न अपमानित कर,
देवी को दुर्गा रहने दो असुरों का संहार करे,
दुर्गा "काली" बन जाए तो कर सम्मान,
दे दूं वरदान, हो जाऊं गर प्रसन्न
मान बढ़े तेरा भी निस दिन,
सुख, समृद्धि,बसे कण-कण..

                 (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीजानकारी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-07.10.2021-गुरुवार.