IIओम सूर्याय नमःII-सूर्य देव भजन- "भजन क्रमांक -१"

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2021, 11:01:33 PM

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Atul Kaviraje

                                        IIओम सूर्याय नमःII
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज रविवार. तेजोमय भास्कराचा वार. आज ऐकुया, सूर्य देव भजन.


                                         सूर्य देव भजन
                                       "भजन क्रमांक -१"
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चंदन  का  वंदन  प्रभू
आप  करे  स्वीकार
चंदन  का  वंदन  प्रभू
आप  करे  स्वीकार
माथा  चरणन  टेकते
करते  जयजयकार
हे  देवा , करते  जयजयकार.

साचे  मन  से  हम  करे
सूर्य  का  गुणगान
साचे  मन  से  हम  करे
सूर्य  का  गुणगान
सुरज  देवता  आपको
बारंबार  प्रणाम
हमारा , बारंबार  प्रणाम.

सात  घोडो  के  रथ  पार
आते  होके  सवार
सात  घोडो  के  रथ  पार
आते  होके  सवार
ए , दिनकर  देवा  तुम्हे
नमन  है  सौ  सौ  बार
हमारा , नमन  है  सौ  सौ  बार.

तुमसे  बढकर  है  नही
प्रभू  किसीकI  तेज
तुमसे  बढकर  है  नही
प्रभू  किसीकI  तेज
तुमरा  आराधन  हमें
देता  बोधी  विवेक
हे  देवा , देता  बोधी  विवेक.

माथे  मुकुट  है  स्वर्ण  का
गले  मुक्तन  की  माल
माथे  मुकुट  है  स्वर्ण  का
गले  मुक्तन  की  माल
भक्त  जनो  के  संकट  को
पल  मे  देते  टIल   
हे  देवा , पल  मे  देते  टIल. 

रविवार  प्रिय  मानते
रवी को अर्घ्य  चढाय
रविवार  प्रिय  मानते
रवी को अर्घ्य  चढाय
भौतिक  सुख  सब  भोगके
अंत  वैकुंठ  को  जाय
वो  प्राणी , अंत  वैकुंठ  को  जाय.

सारे  ग्रह  तुमरी  प्रभू
परिक्कमI  है  लगाय
सारे  ग्रह  तुमरी  प्रभू
परिक्कमI  है  लगाय
तुमरे  तेज  से  हे  रवी
तेज  सभी  ग्रह  पाये
हे  देवा , तेज  सभी  ग्रह  पाये.


                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-सूर्य देव जी के भजन)
                                    (संदर्भ-सोनोटेक भक्ती )
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.10.2021-रविवार.