"आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन"-बालिका दिवस पर कविता-कविता क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2021, 01:46:27 AM

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Atul Kaviraje

                                    "आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन"
                                       बालिका दिवस पर कविता
                                            कविता क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज दिनांक ११.१०.२०२१-सोमवार है . आज का दिन "आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन" यह नाम से भी  जाना जाता है. आईए जानते है, इस दिन का महत्त्व, अन्य जानकारी , शुभेच्छाये, और कुछ कविताये, रचनाये.

बालिका दिवस पर कविता---

बिन बेटी ये मन बेकल है, बेटी है तो ही कल है,
बेटी से संसार सुनहरा, बिन बेटी क्या पाओगे?

बेटी नयनों की ज्योति है, सपनों की अंतरज्योति है,
शक्तिस्वरूपा बिन किस देहरी-द्वारे दीप जलाओगे?

शांति-क्रांति-समृद्धि-वृद्धि-श्री सिद्धि सभी कुछ है उनसे,
उनसे नजर चुराओगे तो किसका मान बढ़ाओगे ?

सहगल-रफ़ी-किशोर-मुकेश और मन्ना दा के दीवानों!
बेटी नहीं बचाओगे तो लता कहां से लाओगे ?

सारे खान, जॉन, बच्चन द्वय रजनीकांत, ऋतिक, रनबीर
रानी, सोनाक्षी, विद्या, ऐश्वर्या कहां से लाओगे ?

अब भी जागो, सुर में रागो, भारत मां की संतानों!
बिन बेटी के, बेटे वालों, किससे ब्याह रचाओगे?

बहन न होगी, तिलक न होगा, किसके वीर कहलाओगे?
सिर आंचल की छांह न होगी, मां का दूध लजाओगे।


                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीकविता शायरी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.10.2021-सोमवार.