"आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन"-बालिका दिवस पर कविता-कविता क्रमांक-6

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2021, 01:53:40 AM

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Atul Kaviraje

                                    "आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन"
                                      बालिका दिवस पर कविता
                                           कविता क्रमांक-6
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मित्रो,

     आज दिनांक ११.१०.२०२१-सोमवार है . आज का दिन "आंतररराष्ट्रीय बालिका दिन" यह नाम से भी  जाना जाता है. आईए जानते है, इस दिन का महत्त्व, अन्य जानकारी , शुभेच्छाये, और कुछ कविताये, रचनाये.

बेटियों पर कविता – मैं बोझ नहीं हूँ---

शाम हो गई अभी तो घूमने चलो न पापा
चलते चलते थक गई कंधे पे बिठा लो न पापा

अँधेरे से दर लगता सीने से लगा लो न पापा
मम्मी तो सो गई
आप ही थपकी देकर सुलाओ न पापा

स्कूल तो पूरी हो गई
अब कॉलेज जाने दो न पापा

पाल पोस कर बड़ा किया
अब जुदा तो मत करो न पापा

अब डोली में बिठा ही दिया तो
आँसू तो मत बहाओ न पापा

आपकी मुस्कुराहट अच्छी हैं
एक बार मुस्कुराओ न पापा

आप ने मेरी हर बात मानी
एक बात और मान जाओ न पापा

इस धरती पर बोझ नहीं मैं
दुनियाँ को समझाओ न पापा.


                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीकविता शायरी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.10.2021-सोमवार.