"नवरात्रि" - लेख

Started by Atul Kaviraje, October 15, 2021, 01:26:00 AM

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Atul Kaviraje

                                            "नवरात्रि"
                                               लेख
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मित्रो,

     आज दिनांक-०७.१०.२०२१-गुरुवार के पावन पर्व पर माँ का आगमन हुआ  है. आईए नवरात्री के इस शुभ दिन पर देवी माँ का स्वागत करें. मराठी कविता के मेरे  सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयो  को इस नवरात्री के दिन की बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. आज  देवी  विसर्जन  का  दिन  है (दिनांक -15.10.2021) आईए जानते  है  दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन विधी--

        इस विधि से करें विसर्जन से पूर्व दुर्गा प्रतिमा का पूजन----

     14-अक्टूबर को नवरात्र का समापन है इसके बाद 15-अक्टूबर को माता कर प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। इसे दौरान धूमधाम से पूरे देश में चल समारोह निकाले जाएंगे। माता के विसर्जन से पहले माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जाने इसकी पूजन विधि और मुहूर्त...

     माता की प्रतिमा का गंध, चावल, फूल, आदि से पूजा करें तथा इस मंत्र से देवी की आराधना करें।

रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।

      इस प्रकार प्रार्थना करने के बाद हाथ में चावल व फूल लेकर देवी भगवती का इस मंत्र के साथ विसर्जन करना चाहिए-

गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

     इस प्रकार पूजा करने के बाद दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन कर देना चाहिए, लेकिन जवारों को फेंकना नही चाहिए। उसको परिवार में बांटकर सेवन करना चाहिए। इससे नौ दिनों तक जवारों में व्याप्त शक्ति हमारे भीतर प्रवेश करती है। माता की प्रतिमा, जिस पात्र में जवारे बोए गए हो उसे तथा इन नौ दिनों में उपयोग की गई पूजन सामग्री का श्रृद्धापूजन विसर्जन कर दें।


                   (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-भास्कर.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.10.2021-शुक्रवार.