आधुनिक तंत्रज्ञान चारोळ्या- "सूर्य जोवर तळपतोय आकाशी ,बळ देतोय जगण्याचे मानवाशी"

Started by Atul Kaviraje, October 29, 2021, 01:29:23 AM

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Atul Kaviraje

                  विषय :गावोगावी  स्थापिलेत  सौर  ऊर्जा  प्रकल्प
                          वास्तव  आधुनिक  तंत्रज्ञान  चारोळ्या
          "सूर्य जोवर तळपतोय आकाशी ,बळ देतोय जगण्याचे मानवाशी"
                                        (भाग-१)
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(1)
"दिनकर"  पहा  प्राचीवर  उगवला  तेजोमय
सुरुवात  झालीय  शेतकऱ्याची  पहाटेस  मंगलमय
नांगरासह  तो  "सौर  ऊर्जा"  पॅनेलही  शेतावर  नेतोय ,
जुन्यासह आधुनिक  शेतीही  तो  आज  करतोय .

(2)
गावोगावी  "सौर  ऊर्जा  प्रकल्प"  राबवले  जाताहेत
आधुनिकतेचे  धडे  गावोगावी  गावकरी  गिरवताहेत
दिवस  उगवला  की  काम  होते  सुरु ,
"सौर  ऊर्जेने"  त्यांचे  काम  केलंय  सुकरू .

(3)
आज  विजेचे  महत्त्व  सर्वांनाच  कळतंय
खाणीतून  कोळशाचे  पीक  कमी  येतंय
वीज  नाही  तर  जीवन  नाही ,
"सौर  ऊर्जा"  वीज  साऱ्या  गावभर  भरून  वाही .

(4)
त्या  "प्रभाकरास"  आमचे  शतशः  नमन
जीवनाचा  मुख्य  स्रोत  तोच  आहे
उजळून  निघतंय  चराचर  त्याच्या  किरणांनी ,
गावही  उजळलंय  त्याच्या  एका  लहानश्या  कृपा -प्रसादांनी .

(5)
शेतीला  पाटाचे  पाणी  सहज  मिळतंय
घराघरातील  दिवा  तेजोमय  प्रकाशतोय
विजेची  उत्तम  बचत  होण्या  सरकार ,
गावोगावी  "सौर  ऊर्जा  प्रकल्प"  राबवतंय .


-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.10.2021-शुक्रवार.