"राष्ट्रीय एकता दिवस"-लेख क्रमांक-7

Started by Atul Kaviraje, October 31, 2021, 04:28:09 PM

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Atul Kaviraje

                                         "राष्ट्रीय एकता दिवस"
                                              लेख क्रमांक-7
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मित्रो,

     आज दिनांक-३१.१०.२०२१-रविवार  है. आज का दिन "राष्ट्रीय एकता दिवस" यह नाम से भी  जाना जाता है. आईए जानते है, इस दिन का महत्त्व,  एवं  अन्य जानकारी--

Essay on National Unity Day--

     आजादी में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस को सर्वप्रथम 2014 में भारत के केन्द्रीय सरकार द्वारा इस दिन को "राष्ट्रीय एकता दिवस" के रूप में मनाने का फैसला किया गया और इस दिन सभी लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के कार्यो को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते है | किसी भी देश की ताकत सभी भारतीय आपस उस देश की एकता में निहित होती है और यदि देश बड़ा और विभिन्न धर्म, भाषा के लोग रहने वाले हो तो उन्हें एकता की डोर में बाधकर रखना मुश्किल होता है लेकिन हमारे देश भारत की सबसे बड़ी यही खूबसूरती है की इतने धर्म, संप्रदाय, जाति के बावजूद आपस में मिलजुलकर रहते है और देश के एकता को बनाये रखे हुए है | हमारे देश भारत को आजादी मिलने के पश्चात हमारे देश में अनेक 500 से अधिक देशी रियासते थी जो की सबको आपस में मिलकर एक देश का गठन करना बहुत ही मुश्किल था, सभी रियासते अपनी सुविधानुसार अपना शासन चाहते थे लेकिन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सुझबुझ और इन रियासतों के प्रति अपनी स्पष्ट नीति के चलते इन्हें भारत देश में एकीकरण किया गया और इस प्रकार 3 देशी रियासते जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद भारत में मिलने से मना कर दी जिसके पश्चात भारी विरोध के बाद जूनागढ़ का नवाब हिंदुस्तान छोडकर भाग गया, जिसके पश्चात जूनागढ़ भारत में मिल गया और कश्मीर के राजा हरीसिंह ने अपनी राज्य की सुरक्षा को आश्वासन लेकर कश्मीर को भी भारत में मिला दिया और अंत में हैदराबाद के निजाम ने जब भारत में मिलने से मना किया तो लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने तुरंत वहा सेना भेजकर निजाम को भी आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया जिसके पश्चात हमारे भारत देश का नवनिर्मित गठन हुआ जिसे संघ राज्यों का देश भी कहा जाता है और इस प्रकार अनेक होते हुए भी एक भारत का निर्माण हुआ |

     राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व कोई भी देश तभी तक सुरक्षित रहता है जबतक की उस देश की जनता और शासन में आपसी एकता और अखंडता निहित होती है हमारे देश की इसी आपसी एकता की कमी का फायदा उठाते हुए अंग्रेजो ने भारत में फूट डालो और राज करो की नीति पर हमारे देश में 200 से अधिक वर्षो तक राज किया, हमारी इस गुलामी के कई कारण थे जैसे भारत के सभी राज्यों, रियासतों में आपसी कोई तालमेल नही था सभी रियासतों के राजा सिर्फ अपनी अपनी देखते थे अगर कोई बाहरी शत्रु आक्रमण करे तो कोई भी एक दुसरे का साथ नही देने आता था यही अनेक कारण थे जिसके कारण हमारा देश इसी एकता के अभाव में विकास के राह से भटक गया और जो भी आया सिर्फ यहाँ लुटा और चला गया | अब चूकी हमारा देश आजाद है इसका मतलब यह नही है की हमारे देश पर कोई बुरी नजर नही डाल सकता है हम सभी को अपने देश अंदर उन आसामाजिक तत्वों से खुद को बचा के रखना है जो हमे आपस में बाटने को कोशिश करते है और साथ में देश के बाहरी दुश्मनों से भी चौक्कना रहना है तभी हमारा भारत भारत एक अखंड भारत बन सकेगा | ऐसे में अब हमे अपनी आजादी मिलने के बाद हम सबकी यही जिम्मेदारी बनती है की जब भी देश की एकता की बात आये तो सभी भारतीयों को अपने धर्म जाति से उठकर सोचने की आवश्यकता है और एक सच्चे भारतीय भारतीय की तरफ कंधे से कंधा मिलाकर देश की अखंडता में अपनी अपनी भूमिका निभाना है |

     वर्तमान समय में राष्ट्रीय एकता दिवस की आवश्यकता और महत्व वर्तमान समय में हमारे देश भारत की अजीब स्थिति बनी हुई है पूरे देश में कही भी चले जाए तो लोग अपने आपको जाति, धर्म, सम्प्रदाय आदि के आधार पर खुद को परिभाषित करते है कही भी कोई सबसे पहले खुद को भारतीय नही कहते हुए पाया जाता है जो की एक सोचने वाली बात है हमे यह बात जानना चाहिए की सबसे पहले हम भारतीय है बाद में कुछ अन्य जबकि आज के समय में ठीक इसका उल्टा है | राष्ट्रीय एकता दिवस निबंध हमारा भारत देश विश्व के मानचित्र पर एक विशाल देश के रूप में चित्रित है। प्राकृतिक रचना के आधार पर तो भारत के कई अलग अलग रूप और भाग हैं। उत्तरी का पर्वतीय भाग, गंगा-यमुना सहित अन्य नदियों का समतलीय भाग, दक्षिण का पठारी भाग और समुन्द्र तटीय मैदान। भारत का एक भाग दूसरे भाग से अलग थलग पड़ा हुआ है। नदियों और पर्वतों के कारण ये भाग एक दूसरे से मिल नहीं पाते हैं। इसी प्रकार से जलवायु की विभिन्नता और अलग अलग क्षेत्रों के निवासियों के जीवन आचरण के कारण भी देश का स्वरूप एक दूसरे से विभिन्न और पृथक पड़ा हुआ दिखाई देता है। इन विभिन्नताओं के होते हुए भी भारत एक है।


                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीजानकारी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-31.10.2021-रविवार.