II शुभ दीपावली II- दीपावली कविता- "आओ मिलकर सब दीप जलाएँ"

Started by Atul Kaviraje, November 05, 2021, 05:42:40 PM

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Atul Kaviraje

                                          II शुभ दीपावली II
                                            दीपावली कविता
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मित्रो,

     आज दिनांक-०५.११.२०२१-शुक्रवार है. दीपावली की शुरुवात हुई  है.मराठी कविताके मेरे सभी -हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दीपावली कि अनेक हार्दिक शुभेच्छाये.आईए पढते है, दीपावली की एक कविता.


                                "आओ मिलकर सब दीप जलाएँ"
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आओ मिलकर दीप जलाएं
अँधेरा धरा से दूर भगाएं
रह न जाय अँधेरा कहीं घर का कोई सूना कोना
सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना
हर घर -आँगन में रंगोली सजाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं.

हर दिन जीते अपनों के लिए
कभी दूसरों के लिए भी जी कर देखें
हर दिन अपने लिए रोशनी तलाशें
एक दिन दीप सा रोशन होकर देखें
दीप सा हरदम उजियारा फैलाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं.

भेदभाव, ऊँच -नीच की दीवार ढहाकर
आपस में सब मिलजुल पग बढायें
पर सेवा का संकल्प लेकर मन में
जहाँ से नफरत की दीवार ढहायें
सर्वहित संकल्प का थाल सजाएँ
आओ मिलकर दीप जलाएं
अँधेरा धरा से दूर भगाएं.


– कविता रावत
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीपरिचय.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-05.11.2021-शुक्रवार.