"गुरु नानक जयंती"-निबंध क्रमांक-१

Started by Atul Kaviraje, November 19, 2021, 04:40:12 PM

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Atul Kaviraje

                                           "गुरु नानक जयंती"
                                             निबंध क्रमांक-१
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.११.२०२१-शुक्रवार है. आज शीख संप्रदाय के प्रथम धर्मगुरू, श्री नानक देव जी की जयंती है. मराठी कविताके मेरे सभी शीख भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको मेरी अनेको हार्दिक शुभेच्छाये.  आईए इस जयंती पर्व पर जIनते है, पढते है , महत्त्वपूर्ण लेख, निबंध, शुभकामनाये, गुरु नानक जी का शुभ संदेश, एवं कुछ कविताये, रचनाये.

               गुरु नानक जयंती पर निबंध---

     नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कुछ गुरु नानक जयंती के बारे में जानकारी दें रहे है। गुरु नानक जयंती पंजाबी और सिख समुदाय के लोग मनाते हैं। इस दिन गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। लोग इस दिन को प्रकाश उत्सव के रूप में मनाते हैं।

     गुरु नानक देव का जन्म कब हुआ? उन्होंने लोगों के लिए क्या-क्या किया?  इस धर्म की स्थापना किस प्रकार की? गुरु नानक देव जी के सिद्धांत और उद्देश्य क्या थे? आदि सभी सवालो के बारे में इस निबंध के माध्यम से आपको जानकारी देने जा रहे हैं।

                  गुरु नानक जयंती पर निबंध---

     गुरु नानक देव की जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन पंजाबी सिक्ख समुदाय के लोग सुबह से ही प्रभात फेरियां निकलते है और गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगरों का आयोजन करते हैं। इस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है, क्योंकि पंजाबी धर्म के मुख्य अनुयाई गुरु नानक देव का जन्म इस दिन हुआ था।

     गुरु नानक देव जी को बहुत से अपने जीवन में महान कार्य करने के लिये जाना जाता है। गुरु नानक देव ने हमारे पूरे संसार में शांति, सद्भावना, सच्चाई और आपसी भाईचारे का तथा लोगों को अच्छी-अच्छी शिक्षा देने के लिए गुरुनानक जी को हमेशा याद किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने पंजाबी सिख समुदाय की नीव को रखा था। इसका श्रेय भी गुरु नानक जी को दिया जाता है।

     गुरु नानक देव पूरी दुनिया को अपने उद्देश्य और सिद्धांत बताने के लिए अपने घर तक का त्याग कर दिया, उन्होंने एक सन्यासी का भेष धारण कर लिया। अपने उद्देश्यों ओर सिद्धांत के द्वारा गुरु नानक देव ने कमजोर लोगों की बहुत मदद की। इसके साथ गुरु नानक देव ने मूर्ति पूजा और धार्मिक अंध-विश्वासों के खिलाफ अपने प्रचार को बहुत आगे तक बढ़ाया। उन्होंने अपने विचारों को फैलाने के लिए बहुत से हिंदू तीर्थ स्थान और मुस्लिम तीर्थ स्थानों की भी यात्रा की और अपने विचारों को प्रचार कर लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया।

--राहुल  सिंग  तन्वर
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-द सिम्पल हेल्प.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.11.2021-शुक्रवार.