II श्री शनी देवाय नमः II-शनिदेव भक्ती-गीत-"सुनो रे सुनो भक्तो"

Started by Atul Kaviraje, December 04, 2021, 11:09:29 PM

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Atul Kaviraje

                                        II श्री शनी देवाय नमः II
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज शनिवार. श्री शनी देवाचा वार. आज ऐकुया, शनिदेवाचे भक्ती-गीत . या भक्ती-गीतIचे बोल आहेत - "सुनो  रे  सुनो  भक्तो"

           
                                     शनिदेव भक्ती-गीत
                                   "सुनो  रे  सुनो  भक्तो"
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सुरज  एक  राजा  था
रात  इतकी  रानी
सुरज  एक  राजा  था
रात  इतकी  रानी
सुनो  रे  सुनो , सुनो  रे  सुनो
भक्तो  आज  एक  कहानी
है  बहोत  पुरानी
पर  मेरी  जुबानी
है  बहोत  पुरानी
पर  मेरी  जुबानी
सुनो  रे  सुनो  भक्तो
एक  कहानी.

हा , राजा  को  थे  नऊ  संतान
सब  के  सब  गुणवान  महान
पर  उनमे भी  एक  थे  ऐसे
पर  उनमे  भी  एक  थे  ऐसे
बडे  नटखट  चंचल  बलवान
हा , बडे  नटखट  चंचल  बलवान
शने - शने  जो  चलते  है
जाती  जितकी  शूर  है
नाम  जिनकI  शनी
स्वभाव  जिनकI  क्रूर  है
कश्यप  है  गोत्र , बहोत  स्वाभिमानी
है  बहोत  पुरानी
पर  मेरी  जुबानी
सुनो  रे  सुनो  बच्चो   
सुनो  एक  कहानी.

हा , करके  तप  एक  बार  महान
ब्रह्मा  से  मांगा  वरदान
के  जिसपर  हो  आशिष  मेरा
के  जिसपर  हो  आशिष  मेरा
हा , पार  सदा  हो  उनका  बेडा
पार  सदा  हो  उनका  बेडा
रहरहके  बदल  है  अपने  स्वरूप  को
भक्तो  के  लिये  वो  धरे  गये  रूप  को
शिंगणापूर  है  उसकी  निशानी
सुनो  रे  सुनो  बच्चो   
सुनो  एक  कहानी
सुनो  रे  सुनो  बच्चो   
सुनो  एक  कहानी.

हा , एक  दिन  स्वयं  शनी  भगवान
शिंगणापूर  आये  बन  पाषाण
एक  भक्त  को  सपना  दिखाया
एक  भक्त  को  सपना  दिखाया
बोले  गाव  मैं  तुम्हारे  आया
हा , बोले  गाव  मैं  तुम्हारे  आया
सुबह  सुबह  फिर  उसने  सबको  बताया   
मिलके  सबने  शिंगणापूर  मे  बिठाया
तब से  हुई  ना  वहा  कोई  हानी
है  बडी  पुरानी
पर  मेरी  जुबानी
है  बडी  पुरानी
पर  मेरी  जुबानी.

है  बडी  पुरानी
पर  मेरी  जुबानी
है  बडी  पुरानी
पर  मेरी  जुबानी.

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गायक : के . शैलेंद्र 
गीतकार : सत्य  प्रकाश
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                               (संदर्भ-टी-सिरीज भक्ती सागर)
                             (साभार एवं सौजन्य-शनीदेव भजन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.12.2021-शनिवार.