II हैप्पी क्रिसमस-मेरी क्रिसमस II-निबंध क्रमांक-१

Started by Atul Kaviraje, December 25, 2021, 02:04:54 AM

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Atul Kaviraje

                                II हैप्पी क्रिसमस-मेरी क्रिसमस II
                                           निबंध क्रमांक-१
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मित्रो,

     आज दिनांक-२५.१२.२०२१-शनिवार है. प्रभू येशू का जन्म दिन. यह शुभ दिन, त्योहार ख्रिसमस यह नामसे जIनI  जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी ख्रिस्ती भाई-बहन कवी-कवयित्री- योको  ख्रिसमस की हार्दिक शुभेच्छाये. "हैप्पी क्रिसमस-मेरी क्रिसमस". आईए, जIनते  है, क्रिसमस की कहानी,इतिहास,माहितीपूर्ण लेख,निबंध,कविता, गाने एवं अन्य जIनकारी.

     "क्रिश्चियन समुदाय के लोग हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। यह ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था इसलिए इसे बड़ा दिन भी कहते हैं। क्रिसमस के 15 दिन पहले से ही मसीह समाज के लोग इसकी तैयारियों में जुट जाते हैं।"                                   

     क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार है जिसे सिर्फ अपने देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। वैसे तो क्रिसमस ईसाईयों का मुख्य पर्व है लेकिन सभी धर्म के लोग इसे पूरे मन से मनाते हैं। जैसे हिन्दुओं और मुस्लिमों का प्रमुख्य त्यौहार होली, दिवाली, ईद, बकरीद होते हैं वैसे ही ईसाईयों के लिए प्रमुख्य त्यौहार क्रिसमस डे होता है। जैसे-जैसे ठंड का पारा बढ़ता जाता है वैसे-वैसे क्रिसमस का रंग भी बढ़ता जाता है। आप क्रिसमस के दिन लोग सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे को हैप्पी क्रिसमस डे और Merry Christmas के मैसेज, कविता, शायरी आदि भी भेजते हैं।

                            क्रिसमस डे पर निबंध---

     क्रिसमस का त्योहार बड़े लोगों के लिए खास होता ही है लेकिन बच्चों के लिए भी बहुत खास होता है। क्रिसमस पर बच्चों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होता है – सांता क्लॉज जो लाल और सफेद कपड़ों में बच्चों के लिए ढ़ेर सारे उपहार और चॉकलेट्स लेकर आता है। क्रिसमस पर आपको बड़े-बड़े ट्री दूर से ही नज़र आ जाते हैं। क्रिसमस ट्री को बहुत अच्छी तरह से सजाया जाता है। क्रिसमस ट्री को देखने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते है।

     क्रिसमस डे पूरी दुनिया में धूमधाम से हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्योंकि ईसा मसीह का जन्म इसी शुभ तिथि में हुआ था। क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। आज कल हिन्दू में भी क्रिसमस को लेकर बहुत उत्साह रहता है। भारत वर्ष में भी क्रिसमस की बहुत प्रमुखता बढ़ती जा रही है। ईसा मसीह ऊँच-नीच के भेदभाव को नहीं मानते थे। उन्होंने दुनिया के लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया था। क्रिसमस इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कुछ दिन बाद न्यू ईयर भी आ जाता है। हम बोल सकते है कि दिसंबर महीने के आखिरी 10 दिन उत्साह से भरे होते है।

     बच्चे क्रिसमस का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस दिन बच्चों को सांता क्लॉज के आने का इंतजार रहता है। क्रिसमस ईसाईयों का सबसे बड़ा त्योहार है जिसे ठंड के मौसम में मानाया जाता है। इस दिन सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज, ऑफिस बंद होते हैं। क्रिसमस त्योहार को लोग बहुत उत्साह और ढ़ेर सारी तैयारियों तथा सजावट के साथ मनाते हैं। ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस से कुछ दिन पहले ही अपने घरों को लाइटें व स्टार लगाकर सजा देते हैं। क्रिसमस की रोनक बाजारों में भी देखने को मिलती है। बाजारों में क्रिसमस ट्री, केक, सेंटाक्लॉज के लाल और सफेद रंग के कपड़े, गिफ्ट, आदि समान बिकने लगते हैं। क्रिसमस डे 25 दिसंबर के दिन लोग चर्च जाते हैं और कैंडल जलाकर और प्रेयर करके ईसा मसीह को याद करते हैं। क्रिसमेस डे के दिन लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री सजाते हैं और एक-दूसरे को केक खिलाकर त्योहार की बधाई देते हैं।

     सांता क्लॉज की ड्रेस में व्यक्ति बच्चों को टॉफियां और गिफ्ट देकर जाता है। पूरी दुनिया में क्रिसमस आनंद और खुशियों का त्योहार है। यह लोगों को आपस में जोड़ता है। क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है और ईसा मसीह द्वारा सिखाये गये क्षमा, भाईचारा और त्याग जैसी बातों का बोध कराता है।

                             क्रिसमस का महत्त्व---

     अगर हम क्रिसमस की महत्त्व की बात करें तो क्रिसमस त्यौहार ईसाईयों का प्रमुख पर्व है। ईसामसीह का जन्म 25 दिसंबर को रात बारह बजे हुआ था। इसलिए हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे बनाया जाता है। मना जाता है कि ईसामसीह का जन्म 25 दिसंबर को रात बारह बजे बेथलहेम शहर की एक गौशाला में हुआ था। जैसे भारतीयों के लिए दीपाली, ईद और होली होती है वैसे ही ईसाईयों के लिए क्रिसमस का त्योहार होता है। लेकिन आज कल भारतीय भी क्रिसमस को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ बनाते है। क्रिसमस की सुबह गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा होती है। इस दिन अन्य धर्मों के लोग भी चर्च में मोमबत्तियां जलाकर प्रार्थना करते हैं।

--अनिल कुमार
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                   (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी.अग्लासेम.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-25.12.2021-शनिवार.