नवं-वर्ष - २०२२-१ -जानेवारी - चारोळ्या-(भाग -१)

Started by Atul Kaviraje, January 01, 2022, 01:49:19 PM

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Atul Kaviraje

                                           नवं-वर्ष - २०२२
                                      १ -जानेवारी - चारोळ्या
                                             (भाग -१)
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     दिनांक-३१.१२.२०२१-शुक्रवार, गतवर्षाला निरोप देऊया, आणि दिनांक-०१.०१.२०२२-दिनांक-शनिवार, नवं-वर्षाचे मनापासून स्वागत करूया. या नवं-वर्षी(२०२२), नव्या कामांची,कार्यांची यादी करूया आणि ती वर्ष-अखेर पूर्वी पूर्ण करण्याचाही मनापासून संकल्प करूया. मराठी कवितेच्या माझ्या सर्व बंधू-भगिनी,कवी-कवयित्री ना या नवं-वर्षाच्या (वर्ष-२०२२) च्या अनेक हार्दिक शुभेच्छा. वाचूया, या नवं-वर्षाच्या काही चारोळ्या.

(१)
सुरुवात  होई  "नवं" -संकल्पांची," नवं -वर्षाने"
उल्हसित  मन  बागडे  आनंदे -हर्षाने
पहाट  होई  "नवं" -चैतन्याची, "नवं" -वर्षाने ,
जाग  येई  कोमल , नाजूक  शीतकर  स्पर्शाने .

(२)
सरले -सरले गत  "वर्ष"  पहाता -पहाता
चाहूल  घेण्या  "नवं -वर्षाची"  जागता -जागता
स्मरुनी  मनोभावे  कुल -इष्ट  देव -देवता ,
हेही  "वर्ष'  जावो  सुखरूप , संकटांतून  करीत  मुक्तता .

(३)
"वर्ष"  जुने  फुलपाखरासम  गेले  उडून  भुर्रकन
ठेवीत  आठवणी ,कडू -गोड  अनुभवांचे  देत  स्मरण
यावी  सोनपरी , जावी  देऊन  मज  सुवर्ण -कंकण ,
"नवं -वर्षात"  ठेवूया  जपून ,पावला -पावलांवरचे  सोनेरी  क्षण .

(४)
"डिसेंबर -३१"  ची  जल्लोषमय , उत्साहाची  रात्र  सरली
"जानेवारी -१'  ची  सुरम्य ,सुरभमय  पहाट  उगवली
यावी  अशीच  घेऊन  दिव्य -भव्य  स्वप्ने  पहिली -वहिली ,
कवेत  घेऊन  ममता -वृक्ष , देत आम्हा  प्रेम -साउली .

(५)
पक्षी  किलबिलत , सूर  घेत , गगन  विहरत
तरंग  लहरत , शुभ्र  फेन उठवीत ,किनारी  आंदोलित
मन  उमंगत , तन डोलत ,सु -मन  फुलवीत ,
आली  "नवं -वर्षाची"  प्रथम  सर  उल्हासाची , बरसत -बरसत .


-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.01.2022-शनिवार.