नवं-वर्ष -२०२२- १-जानेवारी - चारोळ्या-(भाग -2)

Started by Atul Kaviraje, January 01, 2022, 01:52:58 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                          नवं-वर्ष - २०२२
                                      १ -जानेवारी - चारोळ्या
                                             (भाग -2)
                                    -----------------------
                                       
मित्र/मैत्रिणींनो,

     दिनांक-३१.१२.२०२१-शुक्रवार, गतवर्षाला निरोप देऊया, आणि दिनांक-०१.०१.२०२२-दिनांक-शनिवार, नवं-वर्षाचे मनापासून स्वागत करूया. या नवं-वर्षी(२०२२), नव्या कामांची,कार्यांची यादी करूया आणि ती वर्ष-अखेर पूर्वी पूर्ण करण्याचाही मनापासून संकल्प करूया. मराठी कवितेच्या माझ्या सर्व बंधू-भगिनी,कवी-कवयित्री ना या नवं-वर्षाच्या (वर्ष-२०२२) च्या अनेक हार्दिक शुभेच्छा. वाचूया, या नवं-वर्षाच्या काही चारोळ्या.

(१)
क्षणभंगुर  जीवनाचे  काय  बरे  मोल
प्रयत्न  असावा  न  जावा  क्षणभरही  फोल
बोलण्याचा  जावा  साधला  नेहमीच  तोल ,
न  घेता  कौल  नशिबाचा ,यावर्षी  असावेत  प्रयत्न  सखोल .

(२)
रात्रीला  पडले  स्वप्न  एका  नव्या  पहाटेचे
रात्र  वैऱ्याची  सरता -सरता  सुमंगल , सुलक्षणी  प्रभेचे
तरंग  उठवीत  किनाऱ्यावरती , चैतन्यमयी  अशा -उमंगाचें ,
"नववर्ष" आले  लेऊन  लेणे  उमेदीचे , प्रतिभेचे ,सद् -गुणांचे .

(3)
ऋतू -चक्र  फिरून  पुन्हा  आलेय  प्रथम -स्थानी
उजळीत  गगन ,दशदिशांचे  सौंदर्य , सप्तरंगी
गीत  गाती  पशु -पक्षी , मुले -फुले  एकसुरांनी ,
"नववर्षाचे"  करूया  स्वागत ,एक  होऊनी , एक  मूठ  बांधुनी .

(४)
गुलाबी  थंडी  आली  घेऊन  गार -गार  वारे
एक  होऊनी  स्वातंत्र्याचे  पहाट  गाणे  गा  रे
शुभ  चिंतुनिया  शुभ  कार्याची  सारे  कास  धरा  रे ,
"नववर्षी"  नवसंकल्पांची  खांदी ,सांभाळा  धुरा  रे .

(५)
तळपत  आला  तेजोमय  भास्कर  प्राचीवर
सुवर्ण -रश्मीचा  पखरीत  सडा  धरेच्या  अंगाअंगावर
उत्साहाचा  पवन  सळसळत ,हासत  आला ,"नववर्षाच्या"  सुमुहूर्तावर ,
हरित  पर्णांना  खेळवीत ,नवजीवन  उमलत, वृक्ष -वेलींवर .


-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.01.2022-शनिवार.