II येवा कोकण आपलोच आसा II-गवळण क्रमांक-१-"खडा मारीला कान्हान"

Started by Atul Kaviraje, January 09, 2022, 04:41:50 PM

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Atul Kaviraje

                                   II येवा कोकण आपलोच आसा II
                                           कोकणातील गवळण
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मित्र/मैत्रिणींनो,

        आज  ऐकुया, माझ्या गावच्या मातीची काही भजने, कीर्तने, गौळणी इत्यादी . माझे मूळ गाव कोकण. या कोकणातील मालवण तालुक्यात, सिंधुदुर्ग  जिल्ह्यातील एक गाव पेंडूर. त्या पेंडूरातील माझे एक घर. असो, आज ऐकुया या कोकणातील गवळण . आजच्या गवळणचे बोल आहेत- "खडा  मारीला  कान्हान"


                                कोकणातील गवळण क्रमांक-१
                                  "खडा  मारीला  कान्हान"
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खडा  मारीला  कान्हान   
पाणी  गळाया  लागलं
खडा  मारीला  कान्हान   
पाणी  गळाया  लागलं
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग.

खडा  मारीला  कान्हान   
पाणी  गळाया  लागलं
खडा  मारीला  कान्हान   
पाणी  गळाया  लागलं
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग.

साऱ्या  गावाला  याने  बोभाटा  केला
साऱ्या  गावाला  याने  बोभाटा  केला
या  रे  या  सारे  करू  गोपाळकाला 
या  रे  या  सारे  करू  गोपाळकाला 
कसा  चोरुनी  बघतोया
माझ्याकडे  श्रीरंग
कसा  चोरुनी  बघतोया
माझ्याकडे  श्रीरंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग.

वाट  अडवितो  जाता  मथुरे  बाजारा
वाट  अडवितो  जाता  मथुरे  बाजारा
दोन्ही  हातानी  ओढितो 
माझ्या  दुधाचा  डेरा
दोन्ही  हातानी  ओढितो 
माझ्या  दुधाचा  डेरा
घटाघटा  करितो  रिता
सवंगड्यांच्या  संग
घटाघटा  करितो  रिता
सवंगड्यांच्या  संग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग.

यमुनेच्या  तिरी  कान्हा  खेळे  होळी
यमुनेच्या  तिरी  कान्हा  खेळे  होळी
त्याने  मारुनी  पिचकारी
माझी  भिजवली  चोळी
त्याने  मारुनी  पिचकारी
माझी  भिजवली  चोळी
जादू  केलीया  कान्हान   
बाई  झाले  मी  दंग
जादू  केलीया  कान्हान   
बाई  झाले  मी  दंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग.

असा  खट्याळ  हा  हरी 
खेळे  नाना  परि
असा  खट्याळ  हा  हरी 
खेळे  नाना  परि
हुतूतू  हमामा
आट्यापाट्या  लगोरी
हुतूतू  हमामा
आट्यापाट्या  लगोरी
आज  प्रमोद  गुण  गाई
गोपाळांच्या  संग
आज  प्रमोद  गुण  गाई
गोपाळांच्या  संग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग.

खडा  मारीला  कान्हान   
पाणी  गळाया  लागलं
खडा  मारीला  कान्हान   
पाणी  गळाया  लागलं
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग.

माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग
माझी  घागर  गेली  फुटून
गेलं  भिजुनी  अंग.

बुवा -प्रमोद  हर्याण
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                    (साभार आणि सौजन्य-कोकणातील गवळण संग्रह)
                                  (संदर्भ-भक्ती वर्ल्ड-यू ट्यूब)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-09.01.2022-रविवार.