II मकर-संक्रांति II-निबंध-क्रमांक-1

Started by Atul Kaviraje, January 14, 2022, 02:01:04 AM

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Atul Kaviraje

                                      II मकर-संक्रांति II
                                         निबंध-क्रमांक-1
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मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०१.२०२२-शुक्रवार है. मकर संक्रान्तिका पुण्य -पावन-त्योहार-पर्व लेकर यह शुक्रवार आया है. बाहर ठंड है. तील-गुड के लड्डू खाकर शरीर में ऊब-गर्मी-स्नेह निर्माण हो रही है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन,कवी-कवयित्रीयोको मकर संक्रांतिकी बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. "तिल-गुड के लड्डू खाइये, मिठी मिठी बात बोलिये". आईए, इस पावन पर्व पर पढते है, मकर संक्रांतीपर विशेष लेख,महत्त्व, पूजा विधी,कथा-कहानी,निबंध,शुभेच्छाये,सदिच्छाये,शुभकामनाये एवं अन्य जानकारी  .
     
         मकर संक्रांति 2022 मेरा पसंदीदा त्योहार क्यों है पर दीर्घ निबंध---

     हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में मकर संक्रांति का त्योहार जनवरी महीने में मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से जनवरी महीने की 14-15 तारीख को मनाई जाती है। जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर मकर रेखा में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। माना जाता है कि साल के त्योहारों की शुरुआत इसी दिन से होती हैं। देश के विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जहां पंजाब और हरियाणा में इसे लोहड़ी, पश्चिम बंगाल में उत्तर संक्रांति, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में उत्तरायण या खिचड़ी, आंध्र प्रदेश, केरल व कर्णाटक में संक्रांति, तमिलनाडु में पोंगल तो असम में बिहू के नाम से जाना जाता है।

                       परिचय---

     भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है, और देश में विभिन्न धर्मों के लोगों द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों में कई त्योहार मनाये जाते हैं। हर त्योहार मनाये जाने के पीछे कोई धार्मिक तो कोई पौराणिक कारण या कोई मान्यता/कहानी अवश्य होती है, पर मकर संक्रांति इनमें से अलग त्योहार है।

     मकर संक्रांति का त्योहार फसलों की अच्छी पैदावार के लिए भगवान को धन्यवाद और उनका आशीर्वाद हमेशा किसानों पर बना रहें, उसके लिए मनाया जाता है। खेती में उपयोग की जाने वाली हल, कुदाल, बैल इत्यादि की पूजा की जाती है और भगवान किसानों पर अपना आशीर्वाद हमेशा बनाये रखें इसके लिए सूर्य देव की पूजा की जाती है।

                  मकर संक्रांति (उत्तरायण) क्या है?---

     हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति का यह त्योहार जनवरी महीने में 14-15 तारीख को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार पौष महीने में जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण यानि की मकर रेखा में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का यह त्योहार मनाया जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में इसे अन्य नामों के साथ मनाया जाता है, परन्तु सभी जगहों पर सूर्य की ही पूजा की जाती है। देश के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न नामों वाले इस त्योहार में फसलों की अच्छी पैदावार के लिए भगवान सूर्य की पूजा कर उन्हें धन्यवाद दिया जाता है। मकर संक्रांति के पर्व में भगवान को तिल, गुड़, ज्वार, बाजरे से बने पकवान सूर्य को अर्पित किये जाते है, और फिर लोग इनका सेवन भी करते है।

     विभिन्न मान्यताओं के अनुसार कई स्थानों पर पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पाप धोने और भगवान सूर्य की पूजा कर दान देने की प्रथा है।

                     मकर संक्रांति मनाने के तरीके---

     मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता है जो मकर रेखा में प्रवेश के रुप में भी जाना जाता है। मकर रेखा में सूर्य के प्रवेश का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृस्टि से बहुत महत्व होता है। सूर्य दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ने लगता है, इसे ही हम 'उत्तरायन' कहते है। आध्यात्मिक दृस्टि से देखा जाये तो ऐसा होना बहुत ही शुभ मन जाता है। इस शुभ दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पापों को धोते है और सूर्य देव की पूजा करते है और उनका आशीर्वाद लेते है। इस दिन लोग दान भी करते है, ऐसा माना गया है, कि दान करने से सूर्य देव खुश होते है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीकीदुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.01.2022-शुक्रवार.