II मकर-संक्रांति II-निबंध-क्रमांक-3

Started by Atul Kaviraje, January 14, 2022, 02:04:28 AM

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Atul Kaviraje

                                       II मकर-संक्रांति II
                                         निबंध-क्रमांक-3
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मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०१.२०२२-शुक्रवार है. मकर संक्रान्तिका पुण्य -पावन-त्योहार-पर्व लेकर यह शुक्रवार आया है. बाहर ठंड है. तील-गुड के लड्डू खाकर शरीर में ऊब-गर्मी-स्नेह निर्माण हो रही है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन,कवी-कवयित्रीयोको मकर संक्रांतिकी बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. "तिल-गुड के लड्डू खाइये, मिठी मिठी बात बोलिये". आईए, इस पावन पर्व पर पढते है, मकर संक्रांतीपर विशेष लेख,महत्त्व, पूजा विधी,कथा-कहानी,निबंध,शुभेच्छाये,सदिच्छाये,शुभकामनाये एवं अन्य जानकारी  .
     
                        दान करने की प्रथा---

     विभिन्न प्रथाओं और संस्कृतियों के अनुसार देश के लगभग हर हिस्से में यह पर्व अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। कई जगहों पर दान देने की प्रथा भी है। देश के अलग-अलग हिस्सों में दान अलग प्रकार से दिया जाता है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व उत्तरांचल प्रांतो में गरीबों को अन्न में दाल-चावल और पैसों का दान दिया जाता है। बाहर से आये संतो को भी लोग दान में अन्न और पैसे देते है। अन्य राज्यों में इस दिन गरीबों को खाना खिलाते हैं। अन्नदान महादान माना गया है, इसलिए उपज में पैदा हुई फसलों का दान गरीबों और संतो में करके चारों तरफ खुशियां बाटना इस पर्व का उद्देश्य है।

                      पतंगबाजी का आयोजन---

     बहुत सी जगहों पर इस दिन पतंगबाजी की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन मेरे यहां भी पतंगबाजी की एक प्रतियोगिता की जाती है जिसमें मैं भी हिस्सा लेता हूँ। अलग-अलग आयु वर्गों के लिए यह प्रतियोगिता कई भागों में बटी होती है, जिसमें मेरे माता-पिता और भैया-भाभी भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते है, और इस त्योहार का भरपूर आनंद लेते है। बच्चों के साथ ही इस प्रतियोगिता की शुरुआत होती है जिसे गाने और संगीत के साथ आयोजन शुरू किया जाता है। मैंने इस प्रतियोगिता में अभी तक कभी जीत नहीं पाया हूँ, पर मुझे भरोसा है की एक दिन मैं अवश्य जीतूंगा। मैं पतंग बाजी में काफी अच्छा हूँ इसलिए मुझे खुद पर विश्वास है।

     इस अवसर पर पूरे दिन पतंगों से आसमान भरा रहता है। रंगबिरंगी पतंगों साथ आसमान भी रंगीन लगने लगता है। प्रतियोगिता में जलपान और खाने की व्यवस्था भी की जाती है। प्रतियोगिता समाप्त होने के बाद सभी प्रतिभागियों को जलपान और भोजन कराया जाता है, जिसमें गुड़, तिल, इत्यादि से बनी चीजें और मिठाइयां होती है। जलपान और खाने के बाद विजेताओं को सम्मानित किया जाता है। इस आयोजन में सभी प्रतिभागी और हमारे कॉलोनी के सभी लोगों का बराबर का योगदान होता है। प्रतियोगिता के आयोजन को यादगार बनाने के लिए एक साथ सबकी फोटो खिची जाती है और बाद में सबको भेंट के रूप में दी जाती है।

                        निष्कर्ष---

     मकर संक्रांति का एक अपना आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। देश भर में लोग पूरे उत्साह और जोश के साथ इस त्योहार को मनाते है। यह हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है जिसका उद्देश्य आपसी भाईचारा, एकता, और खुशियों को बटना हैं। इस दिन अन्य धर्मों के लोग भी पतंगबाजी में अपना हाथ आजमाते है और आनंद लेते है। गरीबों, जरूरतमंदों और संतो को दान के रूप में अन्न और पैसे देकर उनके साथ अपनी खुशियां बाटते है, ताकी चारों और बस खुशियाँ ही रहें।


                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीकीदुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.01.2022-शुक्रवार.