II मकर -संक्रांत II-चारोळ्या-(भाग -2)

Started by Atul Kaviraje, January 14, 2022, 02:43:45 AM

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Atul Kaviraje

                                      II मकर -संक्रांत II
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-१४.०१.२०२२-शुक्रवार आहे. मकर संक्रांतीचा खास पर्व-सण घेऊन हा शुक्रवार आला आहे. बाहेर थंडी आहे. तीळ-गुळाचे लाडू खाऊन शरीरात उब-स्नेह येत आहे. मराठी कवितेच्या माझ्या सर्व बंधू-भगिनी, कवी-कवयित्रींना मकर संक्रांतीच्या हार्दीक शुभेच्छा. " तीळ-गूळ घ्या, गोड-गोड बोला". या सणI-निमित्त वाचूया काही चारोळ्या.
                         
                                    मकर -संक्रांत -चारोळ्या
                                           (भाग -2) 
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(1)
स्नेहाची  उब  लागू  दे  तनास     
कंकण  उत्साहाचे  उभारी  ये  मनास
तिळा -तिळाने  वैभवाची  होऊ  दे  बरसात ,
क्षण  मांगल्याचे , जीवनी  आणीत  "मकर -संक्रांत" .

(2)
"जानेवारी -14' , ची  सुरम्य  सुप्रभात
नवं -चैतन्य  खेळवीत  आली  दश -दिशांत
मनामनांत  रुजवित  सुगंधी  स्नेहवात ,
करीत  आनंद -दायी  जीवनाची  नवी  सुरुवात .

(3)
डोलत  वाऱ्यासवे  मुक्त  बागडत
रंगी -बेरंगी  पतंगांनी  शोभविले  नभास
मन  भरारले , स्वच्छंद  जाहले ,
आज  घ्यावयास  एक  मोकळा  श्वास .

(4)
तीळ -गुळाचा  घेऊन  गोड  घास  मुखी
माधुर्य  लाभावे  शब्दा -शब्दाला
खा  अन  भरवा  दुसऱ्यांसही ,
आज  तीळ - गूळ  घ्या , आणि  गोड -गोड  बोला .

(5)
नववर्षात  सूर्याचे  रूप  प्रदीप्त
संक्रमण  होऊन  "मकर"  राशीत
येई , थंडीची  लाट  भेदत ,
अन  तिळातिळाने  उब  वाढवीत .

(6)
"संक्रांतीचा"  गोडवा  देत  सूर्यास्त
फुटाण्यांच्या  काट्यांत  साखर -पाकाने  जिरवा
रसनेस  देत  सुरुची , मधुरता ,
घास  मुखी  तीळ -गुळाचा  घ्यावा .


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.01.2022-शुक्रवार.