II मकर-संक्रांति II-कविता क्रमांक-9

Started by Atul Kaviraje, January 14, 2022, 11:40:39 PM

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Atul Kaviraje

                                        II मकर-संक्रांति II
                                          कविता क्रमांक-9
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मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०१.२०२२-शुक्रवार है. मकर संक्रान्तिका पुण्य -पावन-त्योहार-पर्व लेकर यह शुक्रवार आया है. बाहर ठंड है. तील-गुड के लड्डू खाकर शरीर में ऊब-गर्मी-स्नेह निर्माण हो रही है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन,कवी-कवयित्रीयोको मकर संक्रांतिकी बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. आईए, मकर संक्रांतीके  इस पावन पर्व पर पढते है, कुछ रचनाये, कविताये.

                       मकर संक्रांति पर कविता

      मकर संक्रांति हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है इस दिन सभी लोगो के घर में तिल से बनी हुई मिठाईयाँ बनती है व वह मिठाईयाँ लोग अपने रिश्तेदारों व दोस्तों को बांटते है |

     इस दिन सभी लोग पतंगबाजी का आयोजन भी करते है व पतंग उड़ाते है इसीलिए हम आपको मकर संक्रांति के ऊपर कुछ बेहतरीन कविताये क्लास 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 व 12 हर भाषा जैसे संस्कृत, हिंदी, मराठी, गुजराती, बंगाली, ओड़िआ, पंजाबी, कन्नड़ व तेलगु जैसी भाषा में जानने के लिए हमारे द्वारा बताई गयी इस जानकारी को पढ़ सकते है |


उत्सव, पतंग
मेरे लिए उर्ध्वगति का उत्सव
मेरा सूर्य की ओर प्रयाण।
पतंग
मेरे जन्म-जन्मांतर का वैभव,
मेरी डोर मेरे हाथ में
पदचिह्न पृथ्वी पर,
आकाश में विहंगम दृश्य।
मेरी पतंग
अनेक पतंगों के बीच...
मेरी पतंग उलझती नहीं,
वृक्षों की डालियों में फंसती नहीं।
पतंग
मानो मेरा गायत्री मंत्र।
धनवान हो या रंक,
सभी को कटी पतंग एकत्र करने में आनंद आता है,
बहुत ही अनोखा आनंद।
कटी पतंग के पास
आकाश का अनुभव है,
हवा की गति और दिशा का ज्ञान है।
स्वयं एक बार ऊंचाई तक गई है,
वहां कुछ क्षण रुकी है।
पतंग
मेरा सूर्य की ओर प्रयाण,
पतंग का जीवन उसकी डोर में है।
पतंग का आराध्य(शिव) व्योम(आकाश) में,
पतंग की डोर मेरे हाथ में,
मेरी डोर शिव जी के हाथ में।
जीवन रूपी पतंग के लिए(हवा के लिए)
शिव जी हिमालय में बैठे हैं।
पतंग के सपने(जीवन के सपने)
मानव से ऊंचे।
पतंग उड़ती है,
शिव जी के आसपास,
मनुष्य जीवन में बैठा-बैठा,
उसकी डोर को सुलझाने में लगा रहता है।


           (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-xn--11ba5f4a5ecc.xn--h2brj9c)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.01.2022-शुक्रवार.