II मकर-संक्रांति II-कविता क्रमांक-34

Started by Atul Kaviraje, January 15, 2022, 05:41:02 PM

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Atul Kaviraje

                                        II मकर-संक्रांति II
                                        कविता क्रमांक-34
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मित्रो,

     कल  दिनांक-१४.०१.२०२२-शुक्रवार था. मकर संक्रान्तिका पुण्य -पावन-त्योहार-पर्व लेकर यह शुक्रवार आया है. बाहर ठंड है. तील-गुड के लड्डू खाकर शरीर में ऊब-गर्मी-स्नेह निर्माण हो रही है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन,कवी-कवयित्रीयोको मकर संक्रांतिकी बहोत सारी हार्दिक शुभेच्छाये. आईए, मकर संक्रांतीके  इस पावन पर्व पर पढते है, कुछ रचनाये, कविताये.

     मकर संक्रांतिका पर्व पूरे भारत में अलग-अलग नाम व परम्पराओं से मनाया जाता है | यह पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है | मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है इसलिए लोग गंगा स्नान कर सूर्य देव की पूजा करते हैं |यह पर्व कृषि का पर्व है क्युकी इस दिन से बहुत से सांस्कृतिक त्योहारों की शुरुवात होती है| इस दिन लोग गंगा स्नान करते हैं और दान भी करते हैं इसलिए अलग-अलग राज्यों में गंगा नदी के किनारे मेले का आयोजन भी होता है | उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है इसलिए इस दिन लोग चावल और दाल की खिचड़ी खाते हैं व दान भी करते हैं | Happy makar sankranti poem in hindi मकर संक्रांति कब है: मकर संक्रांति 15 जनवरी बुधवार को पड़ रही है | आप सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं 

                       मकर संक्रांति पर कविता –


आज का दिन है अति पावन
मकर संक्रांति का है दिन
आज उड़ेगी आकाश में पतंग
होंगे लाल पिले सब रंग
गंगा में डुबकी लगाओ
करो शीतल तन और मन दान करो
चीनी चावल धान कमाओ
पुण्य बनाओ परमार्थ जोड़ो
हाथ ईशवर से वर माँगो
सब जन जीवन का हो कल्याण


                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी जानकारी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.01.2022-शनिवार.