II ओम गं गणपतये नमः II-श्री गणेश भक्तीगीत-"आव सखी देख गणपत घूम है"

Started by Atul Kaviraje, January 25, 2022, 05:15:21 PM

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Atul Kaviraje

                                   II ओम गं गणपतये नमः II
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज मंगळवार. श्री गणेश वार. आज ऐकुया श्री गणपती भक्तीगीत . या भक्तीगीतIचे बोल आहेत-  "आव सखी देख गणपत घूम है"


                                      श्री गणेश भक्तीगीत
                                "आव सखी देख गणपत घूम है"
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आव सखी देख गणपत घूम है ॥धृ॥ 

लम्बी सूँड मतवाला जी  घृत,
सिन्दुर थार मस्तक सोहे देवा, 
शिव-शक्ति का बाला हो गणपत,
देख भया मतवाला जी ॥1॥

राजा भी सुमर थान,
परजा भी सुमर है, 
सुमर है जोगी जटावाला जी ।
उठ सँवरी दोपहरी तान सुमर देवा,
रिद्धि सिद्धि देवणवाला ओ गणपत ॥2॥

ओढ़ पीत पीतम्बर सोहे देवा,
गल फूलंडा री फूल मालाजी ।
सात सखी रल मंगल गाव देवा,
बुद्धि को देवण हाला जो गणपत ॥3॥

नात गुलाब मिल्या, गुरु पूरा ,
हृदय में करियो उजाला जी ।
भानीनाथ शरण सतगुरु की देवा,
खोल्या भ्रम का ताला ओ गणपत ॥4॥


--नाथ वाणी
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                     (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-भजन-लैरिकस.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-25.01.2022-मंगळवार.