II प्रजासत्ताक दिन II-चारोळी क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2022, 12:36:48 AM

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Atul Kaviraje

                                       II प्रजासत्ताक दिन II
                                          चारोळी क्रमांक-2
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ आहे. "आपला भारत १५ ऑगष्ट १९४७ रोजी स्वतंत्र झाला. पण त्याची लोकशाही राज्य घटना २६ जानेवारी १९५० रोजी अमलात आली. म्हणून हा 'प्रजासत्ताक दिन' म्हणून मानला जातो. आपला  भारत हे एक मोठे लोकशाही राज्य आहे म्हणजे हे लोकांचे, लोकांनी,लोकांसाठी चालविलेले राज्य आहे." मराठी कवितेच्या माझ्या सर्व बंधू-भगिनी, कवी-कवयित्रींनी आजच्या या ७५ व्या प्रजासत्ताक दिवसाच्या हार्दिक शुभेच्छा, या सुमुहूर्तावर वाचूया काही देशभक्तिपर चारोळ्या .

                                        २६ -जानेवारी
                                 प्रजासत्ताक  दिन -चारोळ्या
                                          (भाग -2) 
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(1)
लोकांचे  राज्य  लोकांनीच  चालवावे
शास्त्यांचे  बेगुमान  वर्तन  नसावे
अराजकास  नियंत्रण  रेषेत  कोंडावे ,
"प्रजासत्ताक  दिनाचे"  हेच  दान  मागावे .

(2)
यावी  लोकशाही , नांदावी  लोकशाही 
नसावी  हुकूमशाही , करील  त्राही -त्राही
यशोगान  गाऊन , यशाची  देऊ  ग्वाही ,
सांधून  दुही , अन  कांडून  कलही.

(3)
राजकारणाचा  सारा  वाजलाय  बोजा
पक्ष्यांचा  झालाय  इजा -बिजा -तिजा   
असावे  राज्य  एक , असावा  एक  राजा ,
सुख  नांदेल , अन  सुखी  होईल  "प्रजा" .

(4)
निर्दाळून  गुलामगिरी ,स्वायत्त  राज्य  यावे
"स्वातंत्र्याचा"  मार्ग  धरीत ,सुबत्ता  सुयश  टिकावे
सत्ताधीशांना  काट  देऊन ,लोकांचे  सुराज्य  स्थापावे ,
कायमचेच  आता  सुख -शांतीचे  साम्राज्य  नांदावे .

(5)
संघटनेने  देत  ग्वाही  आम्हा  एक  केले
दूर  करीत  दुही , आम्हा  नेक  केले
कर्तव्य  एकच , गुढी  उभारून  "स्वातंत्र्याची" ,
आण  घेऊ  सर्वांनी ,ते  कायम  टिकविण्याची .


-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.01.2022-बुधवार.