II गणतंत्र दिवस II-लेख क्रमांक-3

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2022, 01:59:54 AM

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Atul Kaviraje

                                         II गणतंत्र दिवस II
                                            लेख क्रमांक-3 
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मित्रो,
       आज बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ है.  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, इस दिवस का महत्त्व, इतिहास, लेख, निबंध,भाषण, शायरी, अनमोल वाचन, शुभकामनाये, शुभेच्छाये, एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जIनकारी.

      26 जनवरी और गणतंत्र दिवस का क्या है इतिहास, पहले इसे किस रूप में मनाया जाता था?

     इसी दिन साल 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता था. आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी...

     26 जनवरी को देशभर में 72 वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. इसी दिन साल 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता था. आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी...

     भारत को आजादी भले ही 15 अगस्त 1947 को मिली लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत पूर्ण गणराज्य बना. इसी दिन को पूरा भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है. संविधान 26 नवंबर 1949 में पूरी तरह तैयार हो चुका था लेकिन दो महीने इंतजार करने के बाद इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया था.

     संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी की तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि साल 1930 में 26 जनवरी को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 'पूर्ण स्वराज' का ऐलान किया था.

     भारत के गणतंत्र की यात्रा कई सालों पुरानी है, जो 1930 में शुरू हुई थी. जिसके बाद सन 1930 से 15 अगस्त 1947 तक पूर्ण स्वराज दिवस यानी 26 जनवरी को ही स्वतत्रंता दिवस मनाया जाता था.

     गणतंत्र राष्‍ट्र के बारे में 31 दिसंबर 1929 को रात में भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र में विचार किया गया था. जिसके लिए एक बैठक आयोजित की गई थी. यह बैठक पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्‍यक्षता में आयोजि‍त की गई थी.

     इसी बैठक में हिस्सा लेने वाले लोगों ने पहले 26 जनवरी को "स्‍वतंत्रता दिवस" के रूप में मनाने की शपथ ली थी, जिससे कि ब्रिटिश राज से पूर्ण स्‍वतंत्रता के सपने को साकार किया जा सके.

     इसके बाद लाहौर सत्र में नागरिक अवज्ञा आंदोलन की रूपरेखा तैयार हुई और यह फैसला लिया गया कि 26 जनवरी 1930 को 'पूर्ण स्‍वराज दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. वहीं इसी दिन देश का झंडा फहराया गया और 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने की शपथ ली गई थी. इसके लिए सभी क्रांतिकारियों और पार्टियों ने एकजुटता दिखाई थी.

     डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद ने की 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने की घोषणा

     जहां भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था. लेकिन जब 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान अस्तित्व में आया तब भारत को अपनी ताकत का अहसास हुआ. देश का संविधान 2 साल, 11 महीने और 17 दिन में तैयार किया गया था. ये कहना गलत नहीं होगा कि सही मायने में भारत को आजादी 26 जनवरी को ही मिली थी. जिसके बाद देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी को देशभर में गणतंत्र दिवस मनाने की घोषणा की.


--AUTHOR UNKNOWN
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-आजतक.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.01.2022-बुधवार.