II गणतंत्र दिवस II-भाषण क्रमांक-4

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2022, 06:03:48 PM

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Atul Kaviraje

                                       II गणतंत्र दिवस II
                                         भाषण क्रमांक-4 
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मित्रो,

       आज बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ है.  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, इस दिवस का महत्त्व, इतिहास, लेख, निबंध,भाषण, शायरी, अनमोल वाचन, शुभकामनाये, शुभेच्छाये, एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जIनकारी.

                     26 जनवरी पर भाषण---

     प्रतिवर्ष 26 जनवरी को हम देश के गणतंत्र दिवस के रूप में मानते हैं। इस दिन हमे अंग्रेजों की गुलामी समाप्त होने के बाद ही गणतंत्र होने का दर्जा प्राप्त हुआ था। 26 जनवरी 1950 को हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना था। इस दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था। भारत में हर स्कूल, कॉलेजो या ऑफिस में हर जगह हम गणतंत्र दिवस को बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन किया जाता है। अगर आप 26 जनवरी पर भाषण की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल बिलकुल सही जगह है। यहाँ गणतंत्र दिवस पर भाषण का एक बहुत ही अच्छा नमूना दिया जा रहा है जिसे विद्यार्थी या अध्यापक या ऑफिस में, गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में इस्तेमाल कर सकते हैं।

     26 जनवरी को चाहे स्कूल हो या कॉलेज या आफिस सभी जगह लोग 26 जनवरी यानी कि गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में भाषण देते हैं। यदि आप भी 26 जनवरी को भाषण देना चहाते हैं। तो हमारा ये आर्टिकल आपके काम आएगा। इसे जरूर पढें।

     आप सभी को मेरी तरफ से सुप्रभात। मेरा नाम _____है। मैं कक्षा ..... का छात्र या शिक्षक हूँ। हम सब जानते हैं हम सब आज यहाँ एक विशेष अवसर पर एकत्र हुए हैं। आज के दिन को हम भारत के गणतंत्र दिवस के नाम से जानते हैं।

     मैं आज के महान दिन पर आप सभी को भारत के गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहती हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी लोगों का शुक्रिया करना चाहती हूँ कि मुझे आप लोगों ने इस अद्भुत अवसर पर ये मौका दिया कि मैं यहां आपके सामने खडे होकर इस अवसर के बारे में और अपने प्यारे देश के विषय में कुछ शब्द बोल सकूँ।

     देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी 26 जनवरी का पर्व समेटे हुए है। उत्सर्ग और शौर्य का इतिहास भारत की भूमि पर पग-पग में अंकित है। किसी ने सच ही कहा है-कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है।


--AUTHOR UNKNOWN
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी.अग्लासेम.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.01.2022-बुधवार.