II गणतंत्र दिवस II-भाषण क्रमांक-6

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2022, 06:10:49 PM

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Atul Kaviraje

                                        II गणतंत्र दिवस II
                                          भाषण  क्रमांक-6 
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मित्रो,

       आज बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ है.  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, इस दिवस का महत्त्व, इतिहास, लेख, निबंध,भाषण, शायरी, अनमोल वाचन, शुभकामनाये, शुभेच्छाये, एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जIनकारी.

     सभी को सुबह का नमस्कार। मेरा नाम अनन्त श्रीवास्तव है और मैं कक्षा 6 में पढ़ता हूं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अपने राष्ट्र के बेहद खास अवसर पर हम सभी यहाँ इकट्ठा हुये हैं जिसे गणतंत्र दिवस कहते हैं। मैं आप सबके सामने गणतंत्र दिवस पर भाषण पढ़ना चाहता हूं। सबसे पहले मैं अपने क्लास टीचर का धन्यवाद देना चाहूंगा जिनकी वजह से मुझे अपने स्कूल के इस मंच पर गणतंत्र दिवस के इस महान अवसर पर मेरे प्यारे देश के बारे में कुछ कहने का सुनहरा मौका प्राप्त हुआ।

     15 अगस्त 1947 से ही भारत एक स्व-शासित देश है। 1947 में 15 अगस्त को ब्रिटिश शासन से भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं। हालांकि, 1950 से 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू हुआ, इसलिये हम इस दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं। इस वर्ष 2021 में, हम भारत का 72वां गणतंत्र दिवस मना रहें हैं।

     गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिये राजनीतिक नेता के रुप में अपने प्रतिनीधि चुनने के लिये केवल जनता के पास अधिकार है। इसलिये, भारत एक गणतंत्र देश है जहाँ जनता अपना नेता प्रधानमंत्री के रुप में चुनती है। भारत में "पूर्ण स्वराज" के लिये हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों की आहूति दी जिससे उनके आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न करना पड़े और वो देश को आगे लेकर जाएँ।

     हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि हैं। भारत को एक आजाद देश बनाने के लिये इन लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ़ लगातार लड़ाई की। अपने देश के लिये हम इनके समर्पण को कभी नहीं भूल सकते हैं। हमें ऐसे महान अवसरों पर इन्हें याद करते हुये सलामी देनी चाहिये। केवल इन लोगों की वजह से ये मुमकिन हुआ कि हम अपने दिमाग से सोच सकते हैं और बिना किसी दबाव के अपने राष्ट्र में मुक्त होकर रह सकते हैं।

     हमारे पहले भारतीय राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद थे जिन्होंने कहा था कि, "एक संविधान और एक संघ के क्षेत्राधिकार के तहत हमने इस विशाल भूमि के संपूर्ण भाग को एक साथ प्राप्त किया है जो यहाँ रहने वाले 320 करोड़ पुरुष और महिलाओं से ज़्यादा के लोक-कल्याण के लिये जिम्मेदारी लेता है"। कितने शर्म से ये कहना पड़ रहा है कि हम अभी भी अपने देश में अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा (आतंकवाद, बलात्कार, चोरी, दंगे, हड़ताल आदि के रुप में) से लड़ रहें हैं। फिर से, ऐसी गुलामी से देश को बचाने के लिये सभी को एक-साथ होने की ज़रुरत है क्योंकि ये विकास और प्रगति के इसके मुख्य धारा में जाने से अपने देश को पीछे खींच रहा है। आगे बढ़कर इन्हें सुलझाने के लिये हमें अपने सामाजिक मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, असमानता आदि से अवगत रहना चाहिये।

     डॉ अब्दुल कलाम ने कहा है कि "अगर एक देश भ्रष्ट्राचार मुक्त होता है और सुंदर मस्तिष्क का एक राष्ट्र बनता है, मैं दृढ़ता से महसूस करता हूं कि तीन प्रधान सदस्य हैं जो अंतर पैदा कर सकते हैं। वो पिता, माता और एक गुरु हैं"। भारत के एक नागरिक के रुप में हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिये और अपने देश को आगे बढ़ाने के लिये सभी मुमकिन प्रयास करना चाहिये।

धन्यवाद, जय हिन्द।


--AUTHOR UNKNOWN
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीकीदुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.01.2022-बुधवार.